rashtrya ujala

Tuesday, May 12, 2009

बेहद गरीबी में होंगे एक तिहाई भारतीय!

नई दिल्ली । वर्ल्ड बैंक ने भारत में गरीबी के बारे जो आंकड़े पेश किए हैं, वे आंखें खोलने वाले हैं। विश्व संस्था के आकलन के अनुसार, गरीबीरेखा से नीचे रहने वाली आबादी के प्रतिशत के लिहाज से भारत की स्थिति केवल अफ्रीका के सब-सहारा देशों से ही बेहतर है। बैंक की ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पेक्टस फॉर 2009 शीर्षक से जारी रिपोर्ट भारत के 'शाइनिंग इंडिया' के पीछे की हकीकत दिखाती है :
* बैंक ने अनुमान जताया है कि 2015 तक भारत की एक तिहाई आबादी बेहद गरीबी (1.25 डॉलर, यानी करीब 60 रुपये प्रति दिन से कम आय) में अपना गुजारा कर रही होगी। इसमें चीन के लिए यह आंकड़ा 6.1 प्रतिशत और सब-सहारा अफ्रीकी क्षेत्र के लिए 37.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। गणना 2005 में डॉलर की क्रय शक्ति के आधार पर की गई है।
* 1990 में गरीबी के मामले में भारत की स्थिति चीन से बेहतर थी। उस वक्त चीन में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली जनसंख्या 60.2 प्रतिशत और भारत में 51.3 प्रतिशत थी। लेकिन 15 साल बाद 2005 में चीन में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली जनसंख्या घटकर 15.9 प्रतिशत रह गई और भारत में बढ़कर 41.6 प्रतिशत हो गई।
* भारत में अत्यंत गरीबी में जीवन गुजारने वाले लोगों की तादाद 1990 में 43.6 करोड़ (51.3 फीसदी) और 2005 में 45.6 करोड़ (41.6 फीसदी) थी, जो 2015 में 31.3 करोड़ (25.4 फीसदी) रहने का अनुमान है।

1 comment:

Naveen Tyagi said...

badti aabadi,va bhrasht loktantr iske jimmedaar hai.