बरसाना। वर्षों से चली आ रही रंगों में रंगी रंगीली और रंगीले अंदाज में नंदगांव के मतवाले हुरियारे। पहले खूब हंसी-ठिठोली फिर गा कर रिझाया-फाग खेलन बरसाने आएं हैं नटवर नंद किशोर..। इसके साथ ही फाग की मस्ती और अटूट पे्रम से भरीं लाठियां हाथ में लेकर रंगीली गली में हुरियारों को झूरने उतरीं बरसाने की हुरियारिनें।
सतरंगी रंगों में सराबोर रंगीली गली में सिर पर बरसतीं लाठियों की तडतड और राधे-राधे की गूंज के बीच आसमान से होली पर बरसते पुष्पों के नजारे ने जैसे द्वापर युग को सजीव कर दिया। इस अनोखे नजारे का दर्शन करने के लिए देश-विदेश से बडी तादाद में श्रद्धालुओं ने आकर अपने को धन्य किया।
बरसाना में मंगलवार शाम को खूब अबीर-गुलाल और रंग बरसा। परंपरा अनुसार नंदगांव के हुरियारे समूह के रूप में बरसाने की पीली पोखर पर पहुंचे। यहां उन्होंने अपने सिर पर ढाल और मजबूत साफा-पगडी बांध कर अपनी पूरी तैयारी कर ली और चल पडे लाडली जू मंदिर। मंदिर पर बरसाने के समाज की ओर से इनका स्वागत किया गया। मंदिर परिसर में बरसाने और नंदगांव के लोगों के बीच होली गीतों के साथ समाज गायन हुआ।
एक घंटे तक चले इस गायन के बाद नंदगांव के हुरियारे ढोल नगाडे बजाते नाचते-गाते दिखाई दिए। इसके बाद मंदिर में शुरू हुआ रंगों की होली का सिलसिला। रंगीली गली से चौक तक करीब एक से डेढ घंटे तक चले इस विश्वप्रसिद्ध लठामार होली के दौरान लाठियों की ताबडतोड वार के बावजूद हुरियारे भी कहां मैदान में डटे रहे। सिर पर ढाल रख प्रहारों के बीच खूब नाचते और ठिठोली कर रहे थे। इस अद्भुत नयनाभिराम दर्शन को लालायित श्रद्धालु श्री राधे-राधे के जयकारे लगाते उत्साह और जोश से होली की मस्ती में मदमस्त दिखाई दे रहे थे। सभी ने एक दूसरे पर खूब रंग डाला। इसकी एक-एक बूंद और छींटे पाने के लिए श्रद्धालुओं में चहुंओर होड मची रही। होली कारंग और गुलाल इस तरह उडा कि ब्रह्मगिरि पर्वत होली के रंगों में सराबोर हो गया। यह खास होली उस समय और यादगार बन गई जब रंगीली गली में लठामार होली खेल रहे हुरियारों और हुरियारिनों पर आसमान से पुष्पों की बरसा होने लगी। यह बरसात दिल्ली से आए एक श्रद्धालु ने हेलीकाप्टर से कराई थी। उस क्षण ने माहौल में और चार चांद लगा दिए।
1 comment:
वाह जी..बड़ा जबरदस्त माहौल रहा.
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