rashtrya ujala

Thursday, December 10, 2009

सुरसा की मुंह की तरह बढ़ती मंहगाई आम व्यक्ति परेशान

दिल्ली । मंहगाई या फिर कम बारिश के कारण कृषि उत्पादन पर असर के कारण खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्यों में काफी बढोत्तरी हुई है। इससे आम व्यक्ति के परिवार की परेशानियां काफी बढ़ गई है। मंदी का दौर होने के कारण आज रसोई को चलाना गृहणियो के लिए चुनौती साबित हो रहा है। आंकडों के अनुसार प्याज के दाम 15,सब्जियों में 13,चावल और गेंहू के कीमतों में 12 फीसदी की वृद्धि हुई। व्यापारियों का कहना है कि कीमतों में अभी गिरावट के कोई आसार नहीं है।
मंहगाई और मंदी का गठजोड़ रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसका सबसे अधिक असर आज आम व्यक्ति पर पड़ रहा है। इस संबंध में नोएडा के कुछ व्यापारियों से वार्ता की तो उन्होंने बताया कि कुछ ही दिनों में रसोई के प्रयोग में आने वाली वस्तुओं के कीमतें बढ़ी हैं। अब व्यापारी भी कहने लगें है कि ऐसी मंहगाई कभी नहीं देखी। सेक्टर-12 स्थित किराना व्यापारी अनिल गुप्ता ने बताया कि महंगाई के असर से दालें भी अछूती नहीं रही हैं। पहले कहा जाता था कि दाल-रोटी खाओ और प्रभू के गुण गाओ मगर अब यह भी संभव नहीं है। आम परिवार की थाली का मुख्य अंग समझी जाने वाली दाल की बढ़ती कीमतों ने प्रत्येक व्यक्ति के पसीने छूट गए। बीते वर्ष जो दालें तीस से पचास रुपए में मिलती थी वह अस्सी से सौ रुपए प्रति किलो तक जा पहुंच गई है। अरहर दाल की कीमतों ने तो सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है। ऐसा कोई परिवार नहीं है कि जहां चीनी का प्रयोग न होता हो। बढ़ती कीमतों के कारण चीनी की मिठास कढ़वाहट में बदल चुकी है। चीनी चालीस रुपए को छु चुकी है। सेक्टर-12 स्थित सब्जी मंडी में व्यापार अकबर ने बताया कि बीते वर्ष सब्जियों और फलों की कीमतों में चार गुना वृद्घि हुई है। मंहगाई का असर यह हुआ है कि सब्जियां किलो के भाव बेची जाती थी। अब दुकानदार ग्राहक को पाव में बताना पड़ता हैं। प्याज,आलू,टमाटर,गोभी,गाजर,बैंगन, मूली,मटर आदि सभी सब्जियां कीमतें तीन गुने से भी अधिक हो गई है। प्याज हमेशा चर्चा में रही है राजनैतिक पार्टियों को भी परेशान किया है। इस वर्ष प्याज ने लोगों को फिर रुलाना दिया है। अब काटने में नहीं खरीदने में आंसु आ रहे हैं। इसके पीछे बताया जाता है कि नासिक की प्याज काफी आयी है। इसी कारण आज प्याज कीमत लगभग 30 रुपए किलो पहुंच चुकी है। थोक विक्रेताओं का कहना है कि अभी सब्जी और दाल कीमतों में कमी आने का कोई आसार नहीं दिखाई पड़ रहा है।

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