rashtrya ujala

Thursday, November 13, 2008

महंगाई दर कम, सरकार खुश पर बरकरार है गम

थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर एक नवंबर को समाप्त सप्ताह में इससे पिछले सप्ताह की तुलना में 1.74 प्रतिशत की जबरदस्त गिरावट के साथ 8.98 प्रतिशत अंक पर आ गई। इससे पिछले सप्ताह यह 10.72 प्रतिशत पर थी। लगातार पाँच सप्ताह तक गिरावट के रुख में रही मुद्रास्फीति की दर में 25 अक्टूबर को मामूली मजबूती आई, लेकिन 01 नवंबर को समाप्त सप्ताह में कई आवश्यक वस्तुओं के दाम गिरने के बाद इस दर में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई।इस दौरान सभी उपभोक्ता वस्तुओं का आधिकारिक थोक मूल्य सूचकांक 1।3 प्रतिशत गिरकर 235।5 अंक पर आ गया, जो पिछले सप्ताह 238.5 अंक था। पिछले साल इसी अवधि में मुद्रास्फीति की दर 3.35 प्रतिशत पर थी।
रुपया 13 साल के सबसे निम्न स्तर पर
देश के शेयर बाजारों में भारी बिकवाली से विदेशी निवेशकों के धन निकालने की संभावनाओं के बीच अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपए में बुधवार को पिछले करीब 13 वर्ष की सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई।कारोबार की समाप्ति पर एक डॉलर की कीमत मंगलवार के 48।1250-48.1400 की तुलना में एक रुपए 18 पैसे अर्थात 2.4 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि के साथ 49.30-49.32 पर पहुँच गई। पाँच दिसंबर 1996 के बाद यह पहला मौका है, जब डॉलर के मुकाबले रुपए में प्रतिशत के लिहाज से इतनी अधिक गिरावट आई है। सत्र के प्रारंभ से ही डॉलर के मुकाबले रुपया भारी दबाव में था। कारोबार की शुरुआत में एक डॉलर की कीमत 48।58 से ऊपर खुली थी। देश के शेयर बाजारों में पिछले दो दिन से भारी बिकवाली बनी हुई है। दो दिन के कारोबार में बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में एक हजार अंक से अधिक की गिरावट आ चुकी है।
औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि
वैश्विक मंदी के बीच देश में त्यौहारी मौसम के दौरान उपभोक्ता वस्तुओं की माँग में सुधार के परिणास्वरुप सितम्बर-08 में औद्योगिक उत्पादन में अगस्त के 1।4 प्रतिशत की तुलना में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हालाँकि यह वृद्धि पिछले साल सितम्बर के सात प्रतिशत की तुलना में कम है। अगस्त के प्रारंभिक आँकड़ों में औद्योगिक उत्पादन की बिक्री 1.3 प्रतिशत दर्शाई गई थी। अब इसे संशोधित कर 1.4 प्रतिशत किया गया है।
औद्योगिक उत्पादन के आज जारी आँकड़ों के मुताबिक माह के दौरान उपभोक्ता वस्तुओं, उपभोक्ता टिकाऊ, उपभोक्ता गैर टिकाऊ और खनन क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले साल की तुलना में बेहतर रहा। माह के दौरान कारखाना उत्पादन की वृद्धि दर पिछले साल के 7।45 प्रतिशत की तुलना 4.8 प्रतिशत रही। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार 4.9 प्रतिशत रही। सितम्बर-08 में उपभोक्ता वस्तुओं के उद्योग में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले साल इस दौरान यह 0.2 प्रतिशत नकारात्मक थी। उपभोक्ता टिकाऊ उद्योग भी पिछले साल सितम्बर में 7.3 प्रतिशत नकारात्मक रहा था, जबकि इस बार इसमें 13.1 प्रतिशत की वृद्धि रही।
गैर टिकाऊ क्षेत्र की वृद्धि रफ्तार 2.6 प्रतिशत के मुकाबले 2.8 प्रतिशत और पूँजीगत वस्तुओं के क्षेत्र की रफ्तार 20.9 प्रतिशत से घटकर 18.8 प्रतिशत रही। खनन क्षेत्र में 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि पिछले साल यह 4.9 प्रतिशत थी। बिजली क्षेत्र की वृद्धि गत वर्ष के साढे़ चार प्रतिशत की तुलना में मामूली घटकर 4।4 प्रतिशत रही। वित्त वर्ष 2007-08 में औद्योगिक उत्पादन की गति 8।1 प्रतिशत, जबकि 2006-07 में यह दहाई अंक 11.6 प्रतिशत थी।
सुनामी से भी बड़ा है आर्थिक संकट
मालदीव के नए विदेशमंत्री डॉक्टर अहमद शहीद ने कहा है कि नए राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के समक्ष सबसे गंभीर चुनौती आर्थिक संकट हैं, जिससे निपटने के लिए सरकार विश्वभर के अपने सहयोगियों की मदद लेगी। डॉक्टर शहीद ने राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के शपथ लेने के बाद कहा कि सुनामी के बाद देश में पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिसके कारण दस करोड़ डॉलर का बजटीय घाटा हुआ था, लेकिन आज की स्थिति सुनामी से भी ज्यादा गंभीर है। यह घाटा बढ़कर करीब 40 करोड़ डॉलर से भी अधिक तक पहुँच गया है, जो कुल बजट का करीब 20 प्रतिशत है। शहीद ने कहा कि किसी भी देश के बजट का 20 प्रतिशत बजटीय घाटा होना कितनी गंभीर समस्या हो सकती है, यह आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इतने अधिक घाटे का अंदाजा गत वर्ष के मध्य में ही हो गया था। उन्होंने कहा कि मालदीव अपने सहयोगी राष्ट्रों की मदद ले सकता है। उन्होंने कहा कि केवल मदद से ही समस्या का हल संभव नहीं है, इसलिए सरकार अपने खर्चों में अधिक से अधिक कमी लाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन छोड़कर किसी सामान्य घर में रहने का निर्णय भी इसी कारण लिया गया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सरकार ही अपने खर्चों में कटौती करते हुए मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या में 70 से 80 प्रतिशत तक कटौती कर सकती है। पिछली सरकार में कुल मिलाकर 125 मंत्री थे।
निर्यात में चीन को पछाड़ा भारत ने
वर्ष 2007-08 के दौरान बांग्‍लादेश को निर्यात के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने बांग्‍लादेश को भारत से चावल आयात करने के लिए मजबूर कर दिया। इससे बांग्‍लादेश को भारत का निर्यात चीन से अधिक हो गया। पिछले दो वर्ष से बांग्‍लादेश को चीन का निर्यात भारत से अधिक रहा था। वर्ष 2007-08 के दौरान बांग्‍लादेश को चीन का निर्यात 3.1 अरब डॉलर का रहा, जबकि भारत ने इसी अवधि में 3.4 अरब डॉलर का निर्यात किया। इसी अवधि में बांग्‍लादेश ने भारत से 87 करोड़ 40 लाख डॉलर का चावल खरीदा, जबकि इससे पिछले वर्ष यह आँकड़ा 18 करोड़ डॉलर का था। इस वर्ष देश में बाढ़ से लगभग 20 लाख टन चावल की फसलें बरबाद हो गई। भारत से बांग्‍लादेश खाद्य पदार्थ, कपड़ा और मशीनरी आयात करता है, जबकि चीन से वह कपड़ा, मशीनरी और रसायन मँगाता है।
वित्तीय प्रणाली में बदलाव चाहता है ईयू
फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने कहा है कि अगले हफ्ते वाशिंगटन में होने वाली समूह-20 देशों की बैठक में यूरोपीय संघ वैश्विक वित्तीय प्रणाली में बदलाव किए जाने पर जोर देगा। सरकोजी ने 27 देशों की बैठक के दौरान कहा कि वह और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि इस वैश्विक आर्थिक मन्दी के संकट से कैसे निपटा जाए।
उन्होंने कहा कि सभी देशों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि वॉशिंगटन में होने वाली अहम बैठक में सख्त और दूरगामी निर्णय लिए जाए। वित्तीय प्रणाली के मौजूदा तन्त्र के नियमों को बदले जाने की जरूरत है। सरकोजी ने बताया कि यूरोपीय देशों के नेताओं ने फ्रांस के उस पाँच सूत्री कार्यक्रम का समर्थन किया है, जिसमें अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के लिए मजबूत भूमिका निभाने और वित्तीय आकलन करने वाली एजेंसियों पर निगरानी की बात कही गई है। सरकोजी ने कहा कि 15 नवंबर से वाशिंगटन में होने वाली बैठक में कई ठोस प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा और अगले सौ दिनों में होने वाली दूसरी शिखर बैठक में इसकी समीक्षा की जाएगी। उधर मर्केल ने कहा कि हम संकट समाप्त होने के लिए दूसरे वर्ष का इंतजार नहीं कर सकते हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री गोर्डन ब्राउन ने सरकोजी के इस सुझाव का समर्थन करते हुए कहा कि यह समय आईएमए जैसी संस्थाओं में सुधार करने का है और सभी देशों की सरकारों को इस हफ्ते कर्जों में कटौती करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समय लघु स्तर के निवेश में कटौती करने का नहीं है और इस बात पर सहमति बन गई है कि आर्थिक वृद्वि को बनाए रखने के लिए वित्तीय नीतियों को मौद्रिक नीतियों के अनुरूप काम करना चाहिए।

Wednesday, November 12, 2008

नवजात ने दी बच्चों को रोशनी

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के एक दंपत्ति ने अपने नवजात बच्चे की आँखें दान कर एक मिसाल पेश की है। इस दंपत्ति के यहाँ शादी के चार साल बाद बच्चा पैदा हुआ था, लेकिन जन्म के पंद्रह दिन बाद ही उसकी मौत हो गई। उनके इस फैसले से अब दो दृष्टिहीन बच्चों के जीवन में रोशनी आ गई है और वे इस खूबसूरत दुनिया को देखने के लायक हो गए हैं।


मिसाल : कोलकाता से सटे हावड़ा जिले के सांतरागाछी में रहने वाले शुभदीप और डोला सांतरा ने इस फैसले से डॉक्टरों के साथ-साथ अपने घरवालों और पड़ोसियों का भी दिल जीत लिया है।
डोला शादी के चार साल बाद पहली बार गर्भवती हुई थीं। उन्हें 26 अक्टूबर को एक स्थानीय नर्सिंग होम में दाखिल कराया गया था। अगले ही दिन उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया था।
नवजात शिशु जन्म के समय से ही गंभीर हृदय रोग से पीड़ित था। उसे सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में रखा गया था। वहाँ उसकी मंगलवार सुबह मौत हो गई। इससे सांतरा दंपत्ति टूट गए, लेकिन दुःख की इस घड़ी में भी उन्होंने धैर्य नहीं खोया और डॉक्टरों से पूछा कि क्या वे अपने बच्चे के अंग दान कर सकते हैं। शुभदीप एक मोबाइल फोन कंपनी में काम करते हैं। बच्चे की मौत के बाद वे और उनकी पत्नी सदमे में हैं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं। शुभदीप के एक दोस्त इंद्रजीत राय कहते हैं बच्चे की मौत के बाद जब दोनों ने उसके अंग दान करने की इच्छा जताई तो हमने रामराजातला नवीन संघ आई बैंक और मेडिकल कॉलेज अस्पताल से संपर्क किया। आई बैंक के स्वपन पांजा कहते हैं पहले तो हमारे डॉक्टर ऐसा अनुरोध सुन कर हैरत में पड़ गए। इससे पहले उन लोगों ने कभी इतने छोटे शिशु की कार्निया नहीं निकाली थी।
पहली बार : वे बताते हैं अब तक जो सबसे छोटा कार्निया निकाला गया था, वह चार महीने के एक शिशु का था, उसे 2005 में कोलकाता के टालीगंज इलाके में निकाला गया था, लेकिन हमने राज्य सरकार के आई बैंक के निदेशक से बात की। उन्होंने कहा ऐसा किया जा सकता है। इसके बाद मंगलवार दोपहर सांतरा दंपत्ति के मृत शिशु का ॉर्निया निकालकर राज्य सरकार के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थालमोलॉजी को सौंप दिया गया है। पहले बच्चे के जन्म के दो हफ्ते बाद ही उसे खोने के गम में डूबे होने के बावजूद इस दंपति ने जो फैसला किया, वह दूसरों के लिए मिसाल बन सकता है।

मुंबई की सच्ची तस्वीर पेश करेगी देशद्रोही-खान

महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के साथ किए जा रहे व्यवहार के मुद्दे को लेकर बनाई गई फिल्म 'देशद्रोही' के निर्माता सह मुख्य अभिनेता कमाल आर. खान ने बुधवार को कहा फिल्म के माध्यम से उन्होंने इन घटनाओं की सच्चाई सामने रखने की कोशिश की है।
फिल्म के रिलीज से पूर्व यहाँ खान ने कहा कि वे स्वयं उत्तरप्रदेश के निवासी हैं और फिल्म के माध्यम से वही दिखाने की कोशिश की है, जो उन्होंने स्वयं मायानगरी मुंबई में महसूस किया। उन्होंने बताया फिल्म को प्रदर्शित करने के लिए काफी समय पूर्व ही नवंबर का चयन कर लिया था, लेकिन यह महज संयोग है कि जब इस फिल्म का प्रदर्शन होने जा रहा है तो मराठी, गैर मराठी के मुद्दे ने इतना तुल पकड़ लिया। उन्होंने कहा फिल्म के माध्यम से क्षेत्रवाद की राजनीति करने वाले वर्तमान राजनेताओं चेहरे को उजागर करने की कोशिश की गई है। फिल्म अभिनेता ने फिल्म में अपनी भूमिका के बारे में बताया कि इस फिल्म में उन्होंने एक शिक्षित युवक का किरदार निभाया है, जो रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र जाता है, जहाँ उसे उत्तर भारतीय होने का दंश झेलना पड़ता है। इसके बाद फिल्म अभिनेता के साथ कुछ ऐसी घटनाएँ घटती है, जिसके कारण उसे अपराध की दुनिया में कदम रखना पड़ता है। इस मौके पर फिल्म से जुड़े कई कलाकार भी उपस्थित थे।

Sunday, November 9, 2008

हर रोग में कारगर हौम्योपैथी



होम्योपैथी में अनेक मानसिक रोगों के कारगर उपचार हैं। मानसिक रोगों के विभिन्न लक्षणों के निदान के लिए किसी योग्य डॉक्टर से होम्योपैथिक दवाएँ ली जा सकती हैं। अनियमित जीवनशैली के कारण मानसिक रोगियों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। नींद न आना, थकान होना, सिर, छाती और पेट में दर्द की शिकायत होना, भूख न लगना या ज्यादा लगना, वजन का घटना या बढ़ना, दाम्पत्य जीवन में शारीरिक तथा मानसिक दोनों ही स्तरों पर असंतोष की भावना आदि इन मानसिक रोगियों के लक्षण हैं।
* एकोनाइट नैपलस 30- दवा का सेवन उन रोगियों को आराम पहुँचाता है, जिन्हें बेचैनी, छटपटाहट, चलने-फिरने में डर तथा हर समय मृत्यु का डर महसूस होता है। ऐसे रोगी, जिन्हें तेज प्यास लगती है, अंतर्दाह महसूस होता है, परंतु कपड़े उतारते ही सर्दी लगने लगती है,के लिए भी इस दवा का प्रयोग किया जाता है। पसीना न आना, नाड़ी तेज चलना और त्वचा का रुखापन भी इन मरीजों में दिखाई देता है।
* औरम मैट 30- दवा उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो जीवन से हताश तथा सुस्त होते हैं। ऐसे लोग आत्महत्या की प्रबल इच्छा भी रखते हैं। ऐसा रोगी सवाल पर सवाल करता है, उत्तर के लिए एक क्षण भी नहीं रुकता। रोगी अक्सर रोता भी है। ऐसा रोगी धर्म संबंधी बातें करता है और एक ही रूप में प्रार्थना करता है।
* आर्सेनिक एल्बम 30- दवा का प्रयोग उन रोगियों के लिए किया जाना चाहिए, जो बेचैनी, शरीर में दाह और अत्यधिक प्यास महसूस करते हैं। इन रोगियों का रोग प्रायः आधी रात के बाद बढ़ता है। ये रोगी पूरी रात करवटें बदलते हैं। रोगी की नाक से गर्म पानी निकलता है, पसीना आता है तथा थोड़े-थो़ड़े पानी की प्यास भी लगती है। ऐसा मरीज हमेशा बेचैन रहता है और शारीरिक रूप से कमजोर भी होता है।
* नैट्रम म्यूर 200- दवा ऐसे लक्षणों में कारगर है, जिनमें रोगी मामूली-सी बातों पर भी चिल्लाकर रोने लगता है। अच्छा खाने पर भी वजन कम होना, ऐसा सिरदर्द होना मानो सिर पर कोई हथौड़े मार रहा हो तथा ऐसा महसूस होना, जैसे जीभ पर कोई बाल आ पड़ा हो जैसे लक्षण होने पर यह दवा फायदेमंद है।
ऐसा रोगी यदि बुजुर्ग है तो वह उदास और रोता रहता है। समझाने पर ये और दुखी हो जाते हैं। ऐसे रोगी नींद से उठकर चलने लगते हैं। उनमें खटाई और नमक खाने की प्रबल इच्छा होती है।
* इग्निशिया अमारा 200- उन रोगियों को दी जाती है, जो उदास और शोकाकुल रहते हैं। ये रोगी किसी से कुछ नहीं कहते और एकांत तथा चुपचाप रहना पसंद करते हैं। ये रोगी कभी हँसते हैं और कभी रोने लगते हैं। तम्बाकू के धुएँ से ऐसे रोगियों का सिरदर्द होने लगता है। भरपेट भोजन करने पर भी इन्हें पेट खाली लगता है।
* स्टैफिसेग्रिया 200- दवा से वे रोगी ठीक होते हैं, जो हमेशा उत्तेजित, चिड़चिड़े, क्रोधी तथा असंतुष्ट रहते हैं। अन्य लक्षण भी हैं जैसे किसी के द्वारा अपमानित होने पर, बार-बार उसी घटना को सोचते रहना, वीर्यस्राव, हर समय यौन संबंधों की बातें करना और सोचना।
* नक्स वोमिका 200- दवा उन रोगियों को आराम देती है, जो क्रोधी, ईर्ष्यालु, कलहप्रिय, दुबला-पतला शराबी तथा आलसी होते हैं। ऐसे रोगी बवासीर तथा कब्ज से ग्रस्त होते है

मुँह का कैन्सर और तंबाकू





दुनिया में करीब 60 करोड़ लोग तम्बाकू खाने से बच जाएँ तो वे स्वयं को कैन्सर के खतरे से बचा सकते हैं, लेकिन अधिकांश लोगों को इस आदत से पनपने वाले खतरों के बारे में जानकारी नहीं है।
दक्षिण एशिया और पश्चिम के कुछ जातीय समूहों में तम्बाकू लोकप्रिय है। तम्बाकू चबाने या फिर पान खाने से मुँह के कैन्सर का खतरा काफी बढ़ जाता है। यदि आँकड़ों पर गौर फरमाएँ तो भारत में 10 मरने वालों में से चार लोग मुँह के कैन्सर से मरते हैं। ब्रिटेन में हर साल तीन हजार लोग मुँह के कैन्सर से प्रभावित होते हैं, जिनमें से आधे लोगों की मौत हो जाती है। चिंताजनक बात तब होती है, जब मुँह में छाले हो गए हों और ठीक ही नहीं हो रहे हों या मुँह में सफेद रंग के धब्बे हो गए हों और मुँह खोलने में परेशानी आ रही हो। यदि ऐसा है तो तुरंत तम्बाकू का सेवन बंद कर देना चाहिए और डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। इन दाग-धब्बों को नजरअंदाज करने पर ये गंभीर रूप ले लेते हैं।

Saturday, November 8, 2008

देवउठनी एकादशी पूजन विधान

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कब- विशेष पूजन कार्तिक शुक्ल नवमी, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से पूर्णिमा, देवउठनी एकादशी (मतांतर)।
सामग्री- गंगा जल, शुद्ध मिट्टी, कुश, सप्तधान्य, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, पंचरत्न, लाल वस्त्र, कपूर, पान, घी, सुपारी, रौली, दूध, दही, शहद, फल, शकर, फूल, नैवेद्य, गन्नो, हवन सामग्री, तुलसी पौधा, विष्णु प्रतिमा।
तैयारी- तीन महीने पहले से तुलसी के पौधे को रोज जल चढ़ाएँ तथा पूजा करें। कादशी को पंचांग से विवाह मुहूर्त निकाल मंडप तैयार करें। चार गन्नों को क्रॉस में खड़ा कर नया पीला कपड़ा बाँधकर मंडप बनाएँ। हवन कुंड बनाएँ। नांदीमुख श्राद्ध कर कुश आसन पर बैठकर आचमन कर संकल्प करें-
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ॐ अद्येतादि देश कालौ संकीर्त्य (आराधक नाम) अहं, गोत्रः (गोत्र) ममाऽखिल-षिविंधिपांतकशमनपूर्वाकाभीष्ट सिद्ध द्वारा श्री महाविष्णु प्रीत्यर्थ तुलसी विवाह करिष्ये। तदंगत्वेन गणेश पूजन स्वस्ति पुण्याहवाचनं ग्रहयज्ञश्य करिष्ये।
संकल्प के बाद श्री गणेश पूजन करें, नवग्रह पूजा करें व कलश में जल भरकर पाटे पर कपड़ा बिछाकर तुलसी एवं श्रीविष्णु की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करें-
ॐ इदं विष्णु विचक्रमेत्रेधानिदधेपदम्‌। समूढस्ययपा गुं पुरे।
ॐ भूर्भुवः स्वर्षिपणो इहागच्छ। तुलसी श्री सखि शुभे पापहारिणी पुण्यदे। नमस्ते नारदनुते नारायण सदा प्रिये।
ॐ भूर्भुवः स्वस्ततुलसी इहागच्छ इह तिष्ठेति।
देशकालौ संकीर्त्य मम सर्वपातक निवृतये श्रीविष्णु प्रीतये च तुलसी विवाहांगतया पुरुषसुक्तेन षोडशोपचारैर्महाविष्णु पूजनं करिष्ये।
सारी सामग्री चढ़ाएँ। जल, दूध, दही, घी, शहद, शकर व जल से स्नान कराएँ। पीले वस्त्र, लच्छा, यज्ञोपवीत चढ़ाएँ। इसी विधि से तुलसी पूजा करें-
वा दृष्ट्वा निखिलाघसंघ शमनी स्पृष्ट्वा वपुः पावनी।
शेभाणामभिवन्दितां। निग्सनी सिक्तऽन्तत्रासिनी। प्रंत्यासन्तिविधायिनी भगवतः कृष्णस्य सरोपिता।
न्यास्तातच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यैनमः।
इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा तुलसी के सम्मुख रखकर दोनों को एक वस्त्र से छुआकर मंगलाष्टक पदों का पाठ करें। दोनों पर अक्षत चढ़ाकर भगवान श्रीविष्णु को तुलसी का दान करें। इसके बाद संक्षिप्त हवन करके तुलसी विवाह संपन्न करें।

खाड़ी देश भारत के लिए दौलत की खान-मनमोहन

दुनिया में आए आर्थिक संकट के मद्देनजर खाड़ी क्षेत्र भारत में निवेश और विकास कार्यक्रमों के लिए धन राशि हासिल करने का बड़ा जरिया हो सकता है। वह भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति का विश्वसनीय स्रोत है। यह बात प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह ने कही। शनिवार से शुरू हो रही अपनी ओमान और कतर यात्रा के पूर्व उन्होंने कहा कि दुनिया के मौजूदा आर्थिक हालात में इन देशों के पास उपलब्ध भारी धन राशि को भारत की ओर आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा ओमान और कतर के नेताओं से बातचीत के दौरान व्यापार और निवेश बढ़ाने पर विशेष चर्चा होगी। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में इन देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी कायम करने पर भी जोर दिया।

डॉ. सिंह यात्रा के पहले चरण में आठ और नौ नवम्बर को ओमान के नेताओं से मुलाकात करेंगे। उनके साथ प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वयलार रवि और विदेश राज्यमंत्री ई. अहमद तथा व्यापारियों का बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है। प्रधानमंत्री का ओमान के सुल्तान कबूस इब्न सईद से मिलने का कार्यक्रम भी है। ओमान प्राकृतिक गैस के भंडार वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। वहाँ भारत ने एक उर्वरक कंपनी में बड़ा निवेश किया है।डॉ। सिंह 9 नवम्बर की शाम को कतर पहुँचेंगे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कतर की यह पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री कतर के सुल्तान शेख हमद बिन खलीफा अल थानी से भी मिलेंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) एन। रवि ने बताया खाड़ी देश भारतीय विदेश नीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इस क्षेत्र में 45 लाख भारतीय कार्यरत हैं, जो प्रति वर्ष 9 अरब डॉलर की धनराशि अर्जित करते हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।