rashtrya ujala

Sunday, November 9, 2008

मुँह का कैन्सर और तंबाकू





दुनिया में करीब 60 करोड़ लोग तम्बाकू खाने से बच जाएँ तो वे स्वयं को कैन्सर के खतरे से बचा सकते हैं, लेकिन अधिकांश लोगों को इस आदत से पनपने वाले खतरों के बारे में जानकारी नहीं है।
दक्षिण एशिया और पश्चिम के कुछ जातीय समूहों में तम्बाकू लोकप्रिय है। तम्बाकू चबाने या फिर पान खाने से मुँह के कैन्सर का खतरा काफी बढ़ जाता है। यदि आँकड़ों पर गौर फरमाएँ तो भारत में 10 मरने वालों में से चार लोग मुँह के कैन्सर से मरते हैं। ब्रिटेन में हर साल तीन हजार लोग मुँह के कैन्सर से प्रभावित होते हैं, जिनमें से आधे लोगों की मौत हो जाती है। चिंताजनक बात तब होती है, जब मुँह में छाले हो गए हों और ठीक ही नहीं हो रहे हों या मुँह में सफेद रंग के धब्बे हो गए हों और मुँह खोलने में परेशानी आ रही हो। यदि ऐसा है तो तुरंत तम्बाकू का सेवन बंद कर देना चाहिए और डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। इन दाग-धब्बों को नजरअंदाज करने पर ये गंभीर रूप ले लेते हैं।

1 comment:

Udan Tashtari said...

आभार जानकारी का!!