दुनिया में आए आर्थिक संकट के मद्देनजर खाड़ी क्षेत्र भारत में निवेश और विकास कार्यक्रमों के लिए धन राशि हासिल करने का बड़ा जरिया हो सकता है। वह भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति का विश्वसनीय स्रोत है। यह बात प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह ने कही। शनिवार से शुरू हो रही अपनी ओमान और कतर यात्रा के पूर्व उन्होंने कहा कि दुनिया के मौजूदा आर्थिक हालात में इन देशों के पास उपलब्ध भारी धन राशि को भारत की ओर आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा ओमान और कतर के नेताओं से बातचीत के दौरान व्यापार और निवेश बढ़ाने पर विशेष चर्चा होगी। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में इन देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी कायम करने पर भी जोर दिया।
डॉ. सिंह यात्रा के पहले चरण में आठ और नौ नवम्बर को ओमान के नेताओं से मुलाकात करेंगे। उनके साथ प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वयलार रवि और विदेश राज्यमंत्री ई. अहमद तथा व्यापारियों का बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है। प्रधानमंत्री का ओमान के सुल्तान कबूस इब्न सईद से मिलने का कार्यक्रम भी है। ओमान प्राकृतिक गैस के भंडार वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। वहाँ भारत ने एक उर्वरक कंपनी में बड़ा निवेश किया है।डॉ। सिंह 9 नवम्बर की शाम को कतर पहुँचेंगे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कतर की यह पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री कतर के सुल्तान शेख हमद बिन खलीफा अल थानी से भी मिलेंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) एन। रवि ने बताया खाड़ी देश भारतीय विदेश नीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इस क्षेत्र में 45 लाख भारतीय कार्यरत हैं, जो प्रति वर्ष 9 अरब डॉलर की धनराशि अर्जित करते हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
डॉ. सिंह यात्रा के पहले चरण में आठ और नौ नवम्बर को ओमान के नेताओं से मुलाकात करेंगे। उनके साथ प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वयलार रवि और विदेश राज्यमंत्री ई. अहमद तथा व्यापारियों का बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है। प्रधानमंत्री का ओमान के सुल्तान कबूस इब्न सईद से मिलने का कार्यक्रम भी है। ओमान प्राकृतिक गैस के भंडार वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। वहाँ भारत ने एक उर्वरक कंपनी में बड़ा निवेश किया है।डॉ। सिंह 9 नवम्बर की शाम को कतर पहुँचेंगे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कतर की यह पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री कतर के सुल्तान शेख हमद बिन खलीफा अल थानी से भी मिलेंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) एन। रवि ने बताया खाड़ी देश भारतीय विदेश नीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इस क्षेत्र में 45 लाख भारतीय कार्यरत हैं, जो प्रति वर्ष 9 अरब डॉलर की धनराशि अर्जित करते हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
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