भोपाल. पुराने सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए शहर की नेहा कावले (22 वर्षीय) ने रविवार को सुभाष नगर विश्रामघाट पर पिता विजय कावले की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। श्री कावले जिला पंचायत में तकनीकी सहायक थे। ब्लड कैंसर से पीड़ित होने के कारण कल उनका निधन हो गया था।श्री कावले यहां शाहपुरा स्थित बी-241 नीलगिरि अपार्टमेंट में रहते थे। नेहा एमसीए का कोर्स करने वनस्थली (राजस्थान) गईं थीं और वर्तमान में एक प्राइवेट कंपनी में प्रशिक्षण ले रही हैं। नेहा के अलावा परिवार में मां वृशाली कावले और बहन प्रचीती कावले हैं। पिता की अंत्येष्टि के दौरान नेहा बिलख-बिलख कर रो रही थी।
Monday, March 16, 2009
पिता को बेटी ने दी मुखाग्नि
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2 comments:
नेहा को हार्दिक अभिनन्दन। किसी भी पारम्परिक समाज में नेहा का यह कदम सचमुच में साहसिक है।
ऐसे कदमों से ही समाज में व्याप्त पुरुष प्रधानता समाप्त की जासकेगी और आधी आबादी का सक्रिय योगदान इस देश को मिल सकेगा।
मैं कावले परिवार के दुख में स्यवम् को सम्मिलित करता हूं। कावलेजी को हार्दिक श्रध्दांजलि।
यह वर्णन उपलब्ध कराने के लिए आपको धन्यवाद।
यदि आपके लिए सम्भव हो और आप उचित समझें तो कृपया अपने ब्लगा से 'वर्ड वेरीफिकेशन' की व्यवस्था अविलम्ब हटा लें।
अब यत्र तत्र ऐसे उदाहरण देखने को मिल रहे हैं ... समाज बदल रहा है ... पर इतनी कम उम्र में उसके सामने जो समस्या आयी है ... उसके लिए बहुत दुख है ... ईश्वर उसे हिम्मत दे ।
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