rashtrya ujala

Monday, March 16, 2009

अधूरी रह गई जिंदगी की परीक्षा

इंदौर shraddha कक्षा 12वीं की एक छात्रा ने रविवार सुबह स्टडी रूम बंदकर खुद को घासलेट डालकर आग लगा लगी। वह मरने के बाद देर तक जलती रही लेकिन परिजन को काफी समय बाद पता चला।नंदानगर की गली नं. 7 निवासी किराना व्यापारी दीपक गुप्ता की 18 वर्षीय बेटी श्रद्धा परीक्षा की तैयारी करने का कहकर घर की छत पर बने स्टडी रूम में सुबह गई थी। छोटे भाई शुभम (14) ने बताया करीब 11 बजे उनकी दादी चंद्रकांता छत पर गईं तो उन्हें टॉवर का दरवाजा बाहर से बंद मिला। उन्होंने श्रद्धा को आवाज लगाई लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला। इस पर शुभम व उसके चचेरे भाई ने स्क्रू खोलकर दरवाजा खोला। वे स्टडी रूम पहुंचे तो उसका दरवाजा तथा खिड़कियां भी अंदर से बंद थीं। इस बीच उनकी नजर दरवाजे के नीचे से निकल रहे धुएं पर पड़ी। इसके बाद शुभम ने दरवाजा तोड़ दिया।

पानी डालने पर भी नहीं बुझी आग:-अंदर का दृश्य देख शुभम तथा अन्य परिजन के रोंगटे खड़े हो गए। फर्श पर पड़ी श्रद्धा आग की लपटों में घिरी हुई थी। शोर-शराबा मचने पर रंगपंचमी खेल रहे पड़ोसी तथा मोहल्लेवासी छत पर पहुंचे। शुभम ने बाल्टी से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की लेकिन नहीं बुझी। इस दौरान एक पड़ोसी ने वहीं पड़ा एक गद्दा श्रद्धा पर डाला जिसके बाद बमुश्किल आग बुझ सकी। खबर मिलते ही परदेशीपुरा पुलिस तथा एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। ज्येष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुधीर शर्मा ने बताया घटनास्थल की जांच में फर्श पर फैला घासलेट तथा माचिस की तीली भी मिली है। कमरे की छत तथा दीवारें धुएं से काली हो गईं। दरवाजा अंदर से ही बंद था। इन सब साक्ष्यों के आधार पर साफ है मामला आत्महत्या का है। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है।

तीन घंटे पहले तो साथ में हंसी-मजाक किया था:-शुभम ने बताया श्रद्धा को किसी प्रकार की परेशानी नहीं थी। वह आथरेमा स्कूल में कक्षा 12वीं में पढ़ती थी। 18 मार्च को उसका इंग्लिश का पेपर था जिसकी तैयारी का कहकर वह पढ़ने गई थी। सुबह उसने शुभम तथा छोटी बहन खुशबू (11) के साथ खूब हंसी-मजाक किया था, उन्हें जरा भी अंदेशा नहीं था कि थोड़ी देर बाद वह यह कदम उठा लेगी। दोपहर करीब 1 बजे उसका शव जब पोस्टमॉर्टम के लिए एमवाय अस्पताल ले जाया गया तो परिजन फूट-फूटकर रो पड़े। पड़ोसियों ने बताया उन्होंने शोर-शराबा मचने से पहले छत से धुआं उठते देखा जरूर था लेकिन यह सोचकर चुप रहे कि हो सकता है महिलाएं त्योहार होने के कारण कंडों पर बाटी सेंक रही हों।

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