पटना। बिहार के गोपालगंज जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णया की हत्या के मामले में पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शिवर्कीति सिंह और एफएम़. महफूज आलम की दो सदस्यीय खंडपीठ ने बुधवार को पूर्व सांसद आनंद मोहन की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
इस मामले के शेष छह आरोपियों को भी बरी कर दिया गया। पटना व्यवहार न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे) रामश्रेष्ठ राय की अदालत ने इस मामले में पिछले वर्ष अक्टूबर में आनंद मोहन, अरुण कुमार सिंह और पूर्व विधायक अखलाक अहमद को फांसी की सजा सुनाई थी, जबकि आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और सह आरोपियों मुन्ना शुक्ला, शशिशेखर ठाकुर एवं हरेन्द्र प्रसाद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा दिए जाने के बाद से आनंद मोहन, अखलाक अहमद और अरुण कुमार न्यायिक हिरासत में हैं। गोपालगंज के जिलाधिकारी की हत्या 5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर-गोपालगंज पथ पर दिनदहाड़े कर दी गई थी।
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बच गया ..................................साला.
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