साबुत अन्न से बने उत्पाद खाएँ जैसे ओट्स, इनमें बीटाग्लूकेन व विलयशील फाइबर होते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियाँ व ताजे फल खाएँ। उच्च कोलेस्ट्रॉलयुक्त भोजन एवं ट्रांस फैटी फूड से परहेज करें।
हमेशा उन्हीं तेलों का प्रयोग करें जिनमें शून्य ट्रांस फैट होता है जैसे चावल के चोकर का बना तेल।
अगर आप सिगरेट पीते हैं तो छोड़ दें। अपने रक्तचाप को नियंत्रण में रखें और हर रोज 30 मिनट तक पैदल चलें, साथ में कुछ कसरत भी करें। सबसे महत्वपूर्ण है अपनी रक्तशर्करा को काबू में रखना, विशेषकर तब, जब आप मधुमेह से ग्रस्त हैं या मोटे हैं या वजन आदर्श भार से अधिक है तो वजन कम करने की कवायद शुरू कर दें। दिमागी गतिविधियों में उलझे लोग बहुत तनाव में रहते हैं। इस वजह से उनका रक्तचाप और हृदयगति खतरनाक स्तर तक बढ़ जाते हैं।
केवल यही नहीं, मानसिक तनाव से दिल में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है तथा हृदय धमनियों की बीमारी से ग्रस्त लोगों पर मौत का जोखिम बढ़ जाता है। ड्यूक विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार मुश्किल कामों को करने से हुआ तनाव जिसमें कि बेहद दिमागी काम करना पड़ता है, जैसे कि गणित की समस्या हल करना, इन सबसे हृदय धमनियों पर ऐसा प्रभाव पड़ता है कि दिल की मांसपेशियों तक पहुँचने वाले रक्तप्रवाह में बहुत कमी हो जाती है और परिणाम हृदयगति रुक जाने के रूप में होता है। अत: कार्पोरेट जगत सावधान हो जाएँ अपने नाजुक दिल को लेकर और तुरंत अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करने पर विचार शुरू कर दें।
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