rashtrya ujala

Monday, July 27, 2009

किले में कैद बीस हजार की आबादी

निर्मेश त्यागी
देहरादून
। यह तस्वीर है देहरादून और टिहरी जिलों के सीमात गावों की। अंदाजा लगाया जा सकता है कि 21वीं सदी में क्षेत्र के लोग कहा हैं। ये गाव राज्य और केंद्र सरकारों की उन कल्याणकारी योजनाओं को भी आईना दिखाते हैं, जिनमें आम जन को सुविधाएं मुहैया कराने का सपना दिखाया जाता है।आज भले ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गावों को विकास की पहली सीढ़ी सड़क से जोड़ने की बात कही जा रही हो, मगर टिहरी व देहरादून जिलों की सीमात रंगड़गाव, कोटी, सेरा, कुंड, पसनी, लडवाकोट, हल्द्वाड़ी ग्रामसभाओं की करीब 20 हजार की आबादी अछूती है। जंगल और सौंग नदी समेत कई बरसाती नालों से घिरी इन ग्रामसभाओं के दर्जनों गाव बरसात में राज्य के अन्य हिस्सों से कट जाते हैं।

इन गावों तक पहुंचने को पहले देहरादून से 11 किमी दूर मालदेवता से सौंग नदी के किनारे-किनारे पैदल रास्ता था, जिसे स्थानीय ग्रामीण श्रमदान से किसी तरह ठीक कर सड़क के तौर पर इस्तेमाल में लाते हैं। इससे उन्हें जोखिमभरे 14 किमी मार्ग पर जीपों से आवाजाही की सुविधा मिलने लगी, लेकिन बरसात में इस सुविधा को सौंग नदी अपने आगोश में ले लेती है।इस मर्तबा भी 18 जुलाई को भारी वर्षा के बाद सौंग नदी की बाढ़ ने इन ग्रामसभाओं के 35-40 गावों को जोड़ने वाला मार्ग ध्वस्त कर डाला और करीब यह मार्ग सात किमी तक बह गया। जो थोड़ा-बहुत रास्ता बचा है, वहा से गुजरना खासा जोखिमभरा है।रंगड़गाव पहुंचे इस संवाददाता को ग्रामीणों ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि वर्षाकाल तो उनके लिए कालापानी के समान है। सौंग के ऊफान पर रहने से कहीं पैदल भी नहीं जा सकते। इसे देखते हुए ग्रामीण जून में ही चार माह राशन स्टाक कर लेते हैं। बीमारी या जरूरी होने पर बाहर जाने को कई-कई किमी की दूरी पैदल नापनी पड़ती है।रंगड़गाव के प्रधान भरत सिंह के अनुसार पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण लंबे समय से एक अदद सड़क की माग कर रहे हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। बीते लोस चुनाव में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी तक दी। तब मौके पर पहुंचे मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्यवाही का भरोसा दिलाया, पर चुनाव बाद बात आई-गई हो गई।उन्होंने कहा कि सड़क बन जाए तो क्षेत्र की तरक्की के द्वार खुद ही खुल जाएंगे। मातबर सिंह, खेम सिंह आदि ग्रामीणों की भी यही राय थी। उन्होंने कहा कि अब क्षेत्रीय विधायक खजानदास सरकार में मंत्री हैं, लिहाजा उनके समक्ष समस्या रखी जाएगी।

No comments: