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Monday, July 27, 2009

बसता है वन्य जीवों का मोहक संसार

निर्मेश त्यागी
देहरादून
प्रकृति को करीब से जानना हो तो सोनानदी वन्य जीव विहार से बेहतर और कौन सी जगह हो सकती है। उत्तराखंड में कार्बेट नेशनल पार्क के उत्तरी छोर पर स्थित इस अभ्यारण्य का जैव विविधता के मामले में कोई सानी नहीं है। इसका सघन वन क्षेत्र और वन्य जीवों का मोहक संसार प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर खींचता है।एशियाई हाथियों के संरक्षण में तो अभ्यारण्य की अहम भूमिका है। पक्षी विविधता के मामले में भी यह धनी है। परिंदों की करीब छह सौ प्रजातियां व उपजातियां यहां चिह्नित की गई हैं।

कालागढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले सोनानदी अभ्यारण्य की जैव विविधता प्रकृति की अमूल्य धरोहर है। जिम कार्बेट नेशनल पार्क के उत्तरी छोर पर पौड़ी जनपद की कोटद्वार तहसील में 301.76 वर्ग किमी में फैला सोनानदी अभ्यारण्य वर्ष 1987 में अस्तित्व में आया। एशियाई हाथियों के झुंड बरसात में इसी क्षेत्र में रहना पसंद करते हैं। राजाजी नेशनल पार्क के हाथी भी यहां पहुंचते हैं। एशियाई हाथी के संरक्षण में अभ्यारण्य की भूमिका कम नहीं है। वर्षाकाल और सर्दियों में तो यहां हाथियों की भरमार रहती है। इसके अलावा टाइगर समेत वे सभी वन्य जीव यहां मिलते हैं, जो कार्बेट और राजाजी में पाए जाते हैं।सघन वनों से आच्छादित इस अभ्यारण्य की सोनानदी, पलैन व मंदाल मुख्य नदियां हैं। इनके किनारों पर प्यास बुझाते और अठखेलियां करते वन्य जीव आसानी से देखे जा सकते हैं। पक्षी विविधता के मामले में तो इसका कोई सानी नहीं है। तुनू व हल्दूपड़ाव क्षेत्र तो प्रवासी पक्षियों की प्रमुख सैरगाह हैं। देहरादून से करीब दो सौ किमी दूर सोनानदी अभ्यारण्य जाने के लिए कोटद्वार से 52 किमी दूर वतनवासा में प्रवेशद्वार है। इसके अलावा रामनगर से भी अभ्यारण्य पहुंचा जा सकता है। हल्दूपड़ाव, सेंधीखाल, रथुवाढाब, कांडा, मुंडियापानी, लोहाचौड़ में पर्यटकों के लिए विश्रामगृह हैं। अभ्यारण्य 15 जून से 15 नवंबर तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।

करीब से होता है वन्य जीवन का दीदार

सोनानदी अभ्यारण्य का हल्दूपड़ाव जोन पर्यटन की दृष्टि से बेहद उपयुक्त है। इस जोन में डे-विजिट की सुविधा के लिए करीब 50 किमी सड़क है। आवास के लिए हल्दूपड़ाव वन विश्रामगृह है। इस जोन में बहने वाली पलैन नदी के लंबे-चौड़े चौड़ में तो वन्य जीव आसानी से देखे जा सकते हैं। मंदाल्टी चौड़ में भी वन्य जीवों का जमघट रहता है। यही नहीं, कांडीखाल से रामगंगा और सोनानदी का खूबसूरत नजारा देखते ही बनता है।सोनानदी अभ्यारण्य में पर्यटकों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। रेस्ट हाउसों में डॉरमैट्री निर्माण के प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेज जाएंगे। साथ ही अभ्यारण्य में जाने वाले वन मार्गाें को भी दुरूस्त किया जाएगा। ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके। इसके अलावा जगह-जगह हट आदि के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

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