rashtrya ujala

Wednesday, November 5, 2008

वैज्ञानिकों ने बनाया पहला कृत्रिम हृदय

वैज्ञानिकों ने धड़कने वाला विश्व का पहला कृत्रिम दिल बनाने का दावा किया है। फ्रांसीसी हृदय शल्य चिकित्सक एलेन कारपेंटियर के नेतृत्व में यूरोपीय टीम ने पूरी तरह प्रतिरोपणीय हृदय बनाया है, जो रक्त के दबाव के अनुसार काम कर सकता है और उसके अनुसार स्पंदन की दर अपना सकता है। प्रो. कारपेंटियर के हवाले से ब्रिटिश अखबार 'द डेली टेलीग्राफ' के कहा है यदि आप एक हृदय रोग विशेषज्ञ को इसका इलेक्ट्रॉकार्डियोग्राम दिखाए तो वह कहेगा कि यह मनुष्य के दिल का है, लेकिन ऐसा नहीं है यह एक कृत्रिम हृदय का है।पेरिस स्थित एक हृदय शोध अस्पताल के प्रमुख प्रो। कारपेंटियर और उनकी टीम ने 15 सालों के कई अनुसंधानों के बाद कृत्रिम हृदय बनाने में सफलता हासिल की है। इस कृत्रिम हृदय का वजन लगभग एक किलोग्राम है और इस अंग के बाहरी भाग में केवल बैटरी होगी जो चार्ज होने के बाद पाँच घंटे तक काम करेगी। प्रो. कारपेंटिंयर ने कहा कि हृदय दानकर्ताओं की संख्या में लंबे समय से कमी और दिल के मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्‍देनजर इस तरह का नया हृदय बनाना आवश्यक हो गया था।

3 comments:

mehek said...

bahut achhi jankari

Udan Tashtari said...

आभार, जानकारी का!!

seema gupta said...

" it is not less than a miracle, great.."

Regards