rashtrya ujala

Thursday, November 6, 2008

नौ साल की बच्ची की तलाक की गुहार

नौ साल की बच्चियाँ आम तौर पर गुड़ियों की शादी रचाती हैं, लेकिन यमन की नौ वर्षीया अरवा ने अदालत में अपनी तलाक की अर्जी दी है। यह बच्ची छोटे से दो कमरों के मकान में अपने माता-पिता और छह बहन-भाइयों के साथ रहती है।


वह शायद खुद भी नहीं जानती कि उसने दो अन्य बच्चियों के साथ मिलकर अपने विवाह के खिलाफ आवाज उठाकर अपने देश में इतिहास रच दिया है। अरवा, नुजूद और रीम वे बच्चियाँ हैं, जिन्होंने हिम्मत दिखाई और इस प्रथा का विरोध किया। अरवा की ही बात करें तो उसने यह कदम तब उठाया, जब उसके पिता और पति की लड़ाई हो गई और पिता ने उसे बाहरी मदद माँगने की अनुमति दी। पिता अब्दुल मोहम्मद अली इस कहानी को आगे बढ़ाते हुए बताते हैं कि एक दिन वह हमेशा की तरह सड़क पर नालियाँ खोदने का काम कर रहे थे, जब एक अधेड़ उम्र के अजनबी ने उनसे कहा कि वह शादी के लिए लड़की तलाश कर रहा है। अली उसे अपने घर ले आए और अपनी 15 वर्षीय बेटी से मिलवाया, लेकिन अब्दुल अली नाम के उस व्यक्ति को नौ साल की अरवा पसंद आई और उसने वायदा किया कि उसके रजस्वला होने पर ही वह उसे अपने घर ले जाएगा।
...लेकिन निकाह के बाद उसने अपना इरादा बदल दिया और उन्हीं के घर आ कर रहने लगा। आखिर पिता अपनी इतनी छोटी बच्ची के विवाह पर राजी कैसे हुए? पिता का कहना है, उसने मुझे 30 हजार रियाल दिए और बाद में चार लाख रियाल और देने का वायदा किया। मुझे पैसे की सख्त जरूरत थी, इसलिए मैंने हाँ कर दी। अरवा का बलात्कार करने की कोशिश की गई, विरोध करने पर उसे पीटा गया। अरवा बताती है कि तंग आ कर वह एक पड़ोसी के घर गई, जिसने उसे पैसा उधार दिया और फिर वह अदालत पहुँची जहाँ जज ने तरस खा कर उसे आजादी दिला दी। अरवा का शारीरिक परीक्षण हुआ तो पता चला कि उससे यौन संबंध बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन उसका कौमार्य भंग नहीं हुआ था। यमन के कानून में हालाँकि 15 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह पर प्रतिबंध है, लेकिन गाँवों में अकसर इसका उल्लंघन होता है। यमन के सांसद इस आयु को बढ़ाकर 18 वर्ष करने के लिए कई बार प्रस्ताव ला चुके हैं, लेकिन कट्टरपंथियों के विरोध से यह प्रस्ताव कभी पारित नहीं हो पाया।

1 comment:

mehek said...

bahut himmatwali hai arba aur na jane uske jaise kitne honge,e muslim desh kab nari ko saman hak aur shiksha denge na jane.