rashtrya ujala

Wednesday, November 5, 2008

खूबसूरती मेरी पहचान



लड़कियों और मेक-अप का चोली-दामन का साथ है। जिसके बगैर उसका लड़कपन अधूरा-अधूरा सा है। खूबसूरती उनकी पहचान है, जो कभी उन्हें सुंदरता के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचा देती है। फैशन और ग्लैमर के रंग में अब भारत भी पूरी तरह से रंग गया है। आए दिन होती सौंदर्य प्रतियोगिताएँ व फैशन शो इसका प्रमाण है। हर दिन महानगरों में ऐसे छोटे-बड़े आयोजन होते रहते हैं। कोई भी पारिवारिक समारोह हो या स्कूल-कॉलेज की फेयरवेल पार्टी, करवा चौथ का व्रत हो या महिला संगीत का आयोजन ...हर किसी में बेस्ट मेकअप व बेस्ट ड्रेसअप का खिताब देकर महिलाओं की साज-सज्जा को इनामों में आँका जाता है।

भारत भी अब एक फैशनेबल देश के रूप में उभर रहा है। आज राजनीतिज्ञ की जगह सौंदर्य की मल्लिकाएँ जैसे ऐश्वर्या राय, सुष्मिता सेन, लारा दत्ता आदि युवतियों की आदर्श बन रही हैं और उन्हीं की बदौलत आज भारतीय नारी के सौंदर्य को विश्वस्तर पर एक पहचान मिली है।

आज बदलते दौर के साथ महिलाओं की सोच भी बदली है। अब वे जब घर से बाहर निकलती है तो वे चाहती हैं लोग उन्हें पहचानें तथा लोगों पर उनका अच्छा प्रभाव पड़ें। जिसके लिए वे स्वयं को आंतरिक व बाहरी दोनों ही दृष्टि से खूबसूरत दिखाने का प्रयास करती हैं। यह सौंदर्य के प्रति महिलाओं के बढ़ते रूझान का ही परिणाम है कि आज हर गली-मोहल्ले में ब्यूटी-पार्लर, हेल्थ सेंटर व ब्यूटी क्लिनिक खुल रहे हैं और इतनी संख्या में होने के बावजूद भी वहाँ युवतियों की भीड़ उमड़ रही है। भारत भी अब एक फैशनेबल देश के रूप में उभर रहा है। आज राजनीतिज्ञ की जगह सौंदर्य की मल्लिकाएँ जैसे ऐश्वर्या राय, सुष्मिता सेन, लारा दत्ता आदि युवतियों की आदर्श बन रही हैं और उन्हीं की बदौलत आज भारतीय नारी के सौंदर्य को विश्वस्तर पर एक पहचान मिली है। जो सुंदर है आखिर वह सुंदर क्यों न दिखे? सुंदरता महिलाओं का गहना है जो नारी की शोभा बढ़ाता है। जब संपूर्ण परिवेश ही बदल रहा है तो उसके साथ बदलने में झिझक कैसी? तभी तो आज हर युवती शान से कहती है कि ' मैं खूबसूरत हूँ।'

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