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Wednesday, November 26, 2008

ओबामा की टीम में भारतीयों का बोलबाला

अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने जा रहे बराक ओबामा और उपराष्ट्रपति जान बिडेन की सत्ता हस्तांतरण टीम में भारतीय मूल के अमेरिकियों की अच्छी-खासी तादाद है। इनमें से ज्यादातर विशेषज्ञ और जाने-माने शिक्षाविद हैं। ये प्रशासन चलाने में डेमोक्रेटिक पार्टी के लोगों की सहायता करेंगे। जिन लोगों की नियुक्ति की गई है वे अफ्रीकी मूल के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ओबामा के लिए अजनबी नहीं हैं। इनमें से अधिकांश के साथ उनके पुराने संबंध रहे हैं।निक राथोड को सरकार के आंतरिक मामलों का कार्यालय निदेशक बनाया गया है। राथोड फिलहाल ओबामा की टीम में नेशनल आउटरीच के दक्षिण एशिया निदेशक हैं। ओबामा के सत्ता हस्तांतरण दल में टेक्सास के पराग मेहता को भी जगह मिली है। मेहता को एशियाई-अमेरिकी अल्पसंख्यक समेत कई अन्य समूहों से संपर्क साधने-बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये आंतरिक मामलों के मंत्रालय में उप निदेशक के तौर पर इन समूहों और सरकार के बीच संपर्क बढ़ाएंगे। हार्वर्ड ला स्कूल में ओबामा की सहपाठी रहीं आरती राय को विज्ञान, तकनीकी, अंतरिक्ष कला और मानवता से जुड़ी कई एजेंसियों के समीक्षा दल का सदस्य बनाया गया है। वह अभी ड्यूक विश्वविद्यालय में पेटेंट ला की प्रोफेसर हैं।निजी इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन के प्रबंध निदेशक अंजन मुखर्जी को अर्थव्यवस्था एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार एजेंसी समीक्षा दल में लिया गया है। उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान एशियाई मूल के अमेरिकी नागरिकों के बीच ओबामा के पक्ष में प्रचार किया था। रचना भौमिक, सुभाश्री रामनाथन, नताशा बिलीमोरिया और पुनीत तलवार को भी विभिन्न एजेंसी की समीक्षा दलों में शामिल किया गया है।

नस्लीय भेदभाव से संबंधित अपराध बढ़े:-बराक ओबामा के रूप में अमेरिका के पहले अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति की जीत के बाद अमेरिका में अल्पसंख्यकों और अश्वेतों के प्रति घृणा से संबंधित अपराधों में वृद्धि हुई है।नागरिक अधिकार संगठनों के अनुसार, ओबामा के राष्ट्रपति चुनाव में विजयी होने के बाद ऐसे सैकड़ों मामले सामने आए हैं। अनेक कट्टरपंथी संगठन दशकों तक निष्क्रिय रहने के बाद एक बार फिर सक्रिय होने लगे हैं। फेडरेशन ब्यूरो आफ इंवेस्टीगेशन- 2008 में ऐसे अपराधों से संबंधित आंकड़े जुटाए गए हैं। लेकिन स्थानीय मीडिया की खबरों के आधार पर विशेषज्ञों का कहना है कि नस्लभेद आधारित अपराध की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। कुछ अधिकारियों ने इसकी तुलना 11 सितंबर, 2001 की घटना के बाद मुसलमानों पर होने वाले हमले में वृद्धि से की है।एक यूनिवर्सिटी में सेंटर फार दि स्टडी आफ हेट एंड एक्सट्रीमिज्म के निदेशक ब्रायन लेविन ने कहा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर होने वाली है।

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