उम्र के अलग-अलग पड़ाव में अपने को जानें-
30 साल तक अगर आप तीस मीटर की दूरी से पेड़ के गिरते पत्ते को देख सकते हैं तो समझिए आपकी आँखें सही हैं। आपके दिल की धड़कन एक मिनट में साठ बार धड़कती है। आप आराम से आगे की ओर झुककर कोई भी चीज उठा सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि आपका शरीर बिलकुल सही आकार में है।
अगर आप लगातार बैठे रहते हैं तो थोड़े-थोड़े समय पर अपनी स्थिति बदलते रहें। लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करें। इस उम्र में बहुत लोग काफी तेज आवाज में संगीत सुनते हैं, यह गलत है। पढ़ने या टीवी देखने से आँखों के रेटिना में सूजन आ सकती है। आपको अपने दिल की चिंता करने की जरूरत नहीं वे बिलकुल ठीक होते हैं। आपको सिगरेट और वसायुक्त भोजन से दूर रहना चाहिए।
अगर आपको हाईब्लड प्रेशर है और आप बहुत ज्यादा शोर-शराबे के बीच रहते हैं तो इसमें कोई संदेह नहीं कि आपको डॉक्टर की जरूरत पड़ सकती है। इस उम्र में आपकी धड़कन 53 से 75 पल्सप्रति मिनट होनी चाहिए। बेहतर स्वास्थ्य के लिए कम वसायुक्त खाना खाना चाहिए। साल में एक बार अपनी जाँच जरूर कराएँ। तीस से ऊपर की औरतों को साल में एक बार अपने डॉक्टर से अवश्य मिलना चाहिए ताकि वे स्तन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकें। 46-65 साल तक इस उम्र तक आते-आते आपका दिल थोड़ी ज्यादा देखभाल चाहता है। बहुत ज्यादा तनाव आपके लिए खतरनाक हो सकता है। साल में एक बार अपने डॉक्टर से अपने दिल की जाँच करानी चाहिए। पार्क में टहलना, जॉगिंग करना फायदेमंद हो सकता है। आपको सही नंबर का चश्मा पहनना चाहिए वरना आप ग्लूकोमा से ग्रस्त हो सकते हैं। इस उम्र में किसी तरह का पीठ दर्द, कमर दर्द, पैरों में सूजन इन सारे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इस तरह की समस्याओं को कम कर सकते हैं जैसे हमेशा मुलायम सोल के जूते पहने। नरम जमीन पर जागिंग करें। बहुत ज्यादा भारी चीजें न उठाएँ। हमेशा सही गद्दे और सिर्फ एक तकिया का इस्तेमाल करें।
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