rashtrya ujala

Friday, November 21, 2008

हर उम्र में रहें स्वस्थ

पूरी तरह स्वस्थ व निरोग रहने का सही मतलब क्या है? बेशक जब आप बीस साल के होते हैं तो पूरी तरह सक्रिय और फुर्तीले होते हैं। पर क्या पचास साल का व्यक्ति एक छोटे बच्चे की तरह सीढ़ियाँ चढ़ सकता है? शायद नहीं। यह आलेख आपको बताएगा कि कैसे आप अलग-अलग उम्र में स्वस्थ रह सकते हैं। जीवन के किस उम्र में आपको किस तरह की देखभाल की जरूरत पड़ सकती है और आप क्या कर सकते हैं।
उम्र के अलग-अलग पड़ाव में अपने को जानें-
30 साल तक अगर आप तीस मीटर की दूरी से पेड़ के गिरते पत्ते को देख सकते हैं तो समझिए आपकी आँखें सही हैं। आपके दिल की धड़कन एक मिनट में साठ बार धड़कती है। आप आराम से आगे की ओर झुककर कोई भी चीज उठा सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि आपका शरीर बिलकुल सही आकार में है।
अगर आप लगातार बैठे रहते हैं तो थोड़े-थोड़े समय पर अपनी स्थिति बदलते रहें। लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करें। इस उम्र में बहुत लोग काफी तेज आवाज में संगीत सुनते हैं, यह गलत है। पढ़ने या टीवी देखने से आँखों के रेटिना में सूजन आ सकती है। आपको अपने दिल की चिंता करने की जरूरत नहीं वे बिलकुल ठीक होते हैं। आपको सिगरेट और वसायुक्त भोजन से दूर रहना चाहिए।




30 से 45 साल तक अगर इस उम्र में आप चश्मा भी पहनते हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं। आपकी आँखें सही हैं। अगर आप एक मीटर की दूरी से घड़ी की टिक-टिक सुन सकते हैं तो आपकी सुनने की शक्ति सही है। अगर आप कम्प्यूटर पर लगातार काम करते हैं तो आपको कुछ आराम करने की जरूरत पड़ सकती है। बहुत ज्यादा शोर और वह भी लगातार, आपके लिए ठीक नहीं है।
अगर आपको हाईब्लड प्रेशर है और आप बहुत ज्यादा शोर-शराबे के बीच रहते हैं तो इसमें कोई संदेह नहीं कि आपको डॉक्टर की जरूरत पड़ सकती है। इस उम्र में आपकी धड़कन 53 से 75 पल्सप्रति मिनट होनी चाहिए। बेहतर स्वास्थ्य के लिए कम वसायुक्त खाना खाना चाहिए। साल में एक बार अपनी जाँच जरूर कराएँ। तीस से ऊपर की औरतों को साल में एक बार अपने डॉक्टर से अवश्य मिलना चाहिए ताकि वे स्तन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकें। 46-65 साल तक इस उम्र तक आते-आते आपका दिल थोड़ी ज्यादा देखभाल चाहता है। बहुत ज्यादा तनाव आपके लिए खतरनाक हो सकता है। साल में एक बार अपने डॉक्टर से अपने दिल की जाँच करानी चाहिए। पार्क में टहलना, जॉगिंग करना फायदेमंद हो सकता है। आपको सही नंबर का चश्मा पहनना चाहिए वरना आप ग्लूकोमा से ग्रस्त हो सकते हैं। इस उम्र में किसी तरह का पीठ दर्द, कमर दर्द, पैरों में सूजन इन सारे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इस तरह की समस्याओं को कम कर सकते हैं जैसे हमेशा मुलायम सोल के जूते पहने। नरम जमीन पर जागिंग करें। बहुत ज्यादा भारी चीजें न उठाएँ। हमेशा सही गद्दे और सिर्फ एक तकिया का इस्तेमाल करें।


66 और उसके ऊपर इस उम्र तक आते-आते शरीर की अवस्था थोड़ी खराब हो जाती है। इस उम्र में मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। अपने ब्लड-शुगर की जाँच करवाते रहना चाहिए। दिल का भी ध्यान रखना चाहिए, खासकर उन लोगों के लिए जिनका वजन ज्यादा है और जो लोग सिगरेट और शराब का सेवन करते हैं। अगर आप बाकी का जीवन सही तरीके से जीना चाहते हैं तो जरूरी है कि आपकी हड्डियाँ मजबूत रहें। इसके लिए जरूरत होती है- कैल्शियम की और व्यायाम की। तब आप किसी भी उम्र के हों, निश्चित रूप से स्वस्थ रहेंगे

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