rashtrya ujala

Saturday, November 15, 2008

मोबाइल फोन का असर सेहत पर

विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने उन बच्चों के माता-पिताओं को कड़ी चेतावनी दी है, जिनके बच्चे मोबाइल फोन पर अपना ज्यादा से ज्यादा समय खपाते हैं। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ग्रो हर्लेन बर्टलैंड का कहना है कि खेल-खेल में घंटों बतियाने वाले बच्चे नहीं जानते कि मोबाइल फोन से होने वाले खतरे उनके स्वास्थ्य के लिए कितने घातक हो सकते हैं। इस बारे में कुछ परीक्षण भी किए गए हैं और पाया है कि जिन स्थानों पर मोबाइल का लगातार प्रयोग किया जाता है, वहाँ विद्युत चुंबकीय तरंगें भी बहुत ज्यादा होती हैं। हालाँकि इस बारे में कोई निर्णयात्मक वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि मोबाइल फोन का दीर्घकालीन उपयोग स्वास्थ्य पर दीर्घकालीन नकारात्मक प्रभाव छोड़ता हो। बर्टलैंड का अपना मोबाइल फोन नहीं है। उनका कहना है कि ऐसा उन्होंने स्वयं को इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक तरंगों से बचाने के लिए किया है, क्योंकि इससे उन्हें भयानक सिर दर्द होता है। हाल में फिनलैंड के वैज्ञानिकों ने एक अनुसंधान कर बताया कि मोबाइल फोन से होने वाले विकिरण से मस्तिष्क में बदलाव आ जाता है। उन्होंने पाया कि मानवीय सेलों के मोबाइल फोन के विकिरण का सामना करने पर मस्तिष्क को सुरक्षित रूप से रक्त पहुँचाने वाले बैरियर को नुकसान पहुँचता है। विशेषज्ञों की राय है कि इससे बचने का एक ही उपाय है मोबाइल फोन पर कम और छोटा वार्तालाप किया जाए।

2 comments:

seema gupta said...

उन्होंने पाया कि मानवीय सेलों के मोबाइल फोन के विकिरण का सामना करने पर मस्तिष्क को सुरक्षित रूप से रक्त पहुँचाने वाले बैरियर को नुकसान पहुँचता है।
" very useful and important artical, thanks for sharing.."

Regards

nirmesh tyagi said...

thanks............