रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में भारत में सबसे ज़्यादा लोग भूख से जूझते हैं |
तीव्र आर्थिक प्रगति के इतने वर्षों के बाद भी भारत क़रीब 25 सब सहारा अफ़्रीकी देशों से भी ख़राब स्थिति में है. दक्षिण एशिया में भी, बांग्लादेश को छोड़ कर, भारत सभी देशों से इस मामले में पिछड़ रहा है |
बच्चों में कुपोषण, बाल मृत्यु की दर और समुचित कैलोरी से वंचित लोगों की संख्या, जैसे सूचकों के आधार 'भूख के स्तर' का आकलन किया गया है.इस अध्ययन में भूख की समस्या को पाँच स्तरों पर परखा गया है- कम, सामान्य, गंभीर, चिंताजनक और बेहद चिंताजनक.इस सर्वेक्षण के मुताबिक भारत के जिन 17 राज्यों का अध्ययन किया गया उनमें से एक भी राज्य 'कम' या 'सामान्य' स्तर की भूख की समस्या से प्रभावित नहीं था.
भूख की जकड़ में::रिपोर्ट का कहना है, "तीव्र आर्थिक प्रगति के इतने वर्षों के बाद भी भारत क़रीब 25 सब सहारा अफ़्रीकी देशों से भी ख़राब स्थिति में है. दक्षिण एशिया में भी, बांग्लादेश को छोड़ कर, भारत सभी देशों से इस मामले में पिछड़ रहा है."पाँच वर्ष से कम उम्र के भारतीय बच्चों में कुपोषण और मृत्यु दर काफ़ी ज़्यादा है. भारत सरकार के आँकड़ों के मुताबिक दो वर्ष पहले देश के क़रीब 60 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार थे.रिपोर्ट के अनुसार, "भारत के ज़्यादातर राज्यों में बच्चों के कुपोषण के स्तर में सुधार लाना सबसे ज़्यादा ज़रुरी है."विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में भारत में जिस तरह से खाने की वस्तुओं की क़ीमत में बढ़ोतरी हुई है लेकिन आय नहीं बढ़ा है, उससे कई परिवार भूख की समस्या की चपेट में आ गए हैं .
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