आमतौर पर शार्क मछलियाँ बिना नर के संपर्क में आए गर्भवती नहीं होती हैं, लेकिन अमेरिका के वर्जीनिया राज्य के एक्वेरियम में एक मादा शार्क बिना नर के संपर्क में आए गर्भवती हो गई। इससे पहले ओमाहा में भी ऐसा ही मामला देखने में आया था। इस तरह के मामलों पर वैज्ञानिकों का कहना है कि लिंग संबंधी अनुपात गड़बड़ाने से मछलियों में बिना नर के संपर्क में आए बिना ही या एसेक्सुअल रिप्रॉडक्शन संभव होने लगा है।
वर्जीनिया एक्वेरियम एंड मरीन साइंस सेंटर में मौजूदा मादा अटलांटिक ब्लैक टिप शार्क के पेट में पल रहे भ्रूण की हाल ही में डीएनए टेस्टिंग कराई गई जिससे इस बात की पुष्टि हुई कि भ्रूण के भीतर नर से मिलने वाले जिनेटिक मैटीरियल मौजूद नहीं थे। इसका अर्थ है कि यह गर्भधारण बिना नर के संपर्क में आए ही संभव हुआ था।
ओमाहा के जू में भी हैमरहेड वाली शार्क ने ऐसे ही बच्चे को जन्म दिया था। शार्क विशेषज्ञ और प्रमुख शोधकर्ता डैमियन चैपमैन का कहना है कि यह संभव है कि मादा शार्क की कई प्रजातियाँ कुछ अवसरों पर असेक्सुअल रिप्रॉडक्शन से बच्चों को जन्म देती हों। वैज्ञानिकों का कहना है कि बिना नर के संपर्क में आए एक्वेरियम शार्क एक ही बच्चे को जन्म दे सकती है जबकि कुछ शार्क प्रजातियाँ एक साथ एक दर्जन से भी अधिक बच्चों को जन्म देती हैं। पर इससे घटती जनसंख्या को काबू में नहीं किया जा सकता है क्योंकि कुछेक मादा शार्क मछलियाँ ही इस तरह से प्रजनन कर सकती हैं। इसका एक पक्ष यह भी है कि नर क्रोमोसोम न होने के कारण ऐसे जीवों में जिनेटिक डाइविर्सिटी नहीं बन पाती है क्योंकि इस तरह पैदा हुए बच्चे खुले वातावरण में जीवन जीने में सक्षम नहीं होते और असेक्सुअल बर्थ से पैदा हुए बच्चों में जन्मजात कमियाँ और बीमारियाँ बनी रहती हैं।
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