मायावती ने रेल कोच फ़ैक्ट्री की ज़मीन का आबंटन रद्द किया |
फ़ैक्ट्री का विरोध:यह रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली के डलमऊ लालगंज क्षेत्र में लगाई जानी थी. राज्य सरकार के मुताबिक मई महीने में रेल विभाग को लगभग पाँच सौ एकड़ ज़मीन कोच फैक्ट्री लगाने के लिए आवंटित की गई थी.इससे पहले यह ज़मीन कोई 30 साल से केन्द्र सरकार के कृषि विभाग के पास थी. फैक्ट्री के लिए सात सौ एकड़ जमीन और ली जानी थी.राज्य सरकार का कहना है कि स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि यह खेतिहर ज़मीन उन्हें पट्टे पर मिलेगी लेकिन जब उन्हे पता चला कि उसकी जगह फैक्ट्री बननी है तो वे नाराज हो उठे.राज्य सरकार का कहना है कि ज़िलाधिकारी को रेल कोच फैक्ट्री के लिए वैकल्पिक ज़मीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी इसे महज़ छलावा मानती है.
सरकार का क़दम विकास विरोधी:उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने सरकार के इस बयान को सरासर झूठ बताया है कि स्थानीय लोग रेल कोच फैक्ट्री को ज़मीन देने का विरोध कर रहे थे.
इस फैक्ट्री से करीब दस हजार लोगों को रोज़गार मिलेगा इसलिए नौजवानों को मायावती के इस निर्णय का विरोध करना चाहिए. |
रीता बहुगुणा जोशी ने माया सरकार की निंदा करते हुए इस फ़ैसले को विकास विरोधी बताया है. उनका कहना है, "इस फ़ैक्ट्री से क़रीब दस हज़ार लोगों को रोज़गार मिलेगा इसलिए नौजवानों को मायावती के इस निर्णय का विरोध करना चाहिए".उनके मुताबिक राज्य सरकार रायबरेली में केन्द्र सरकार की तीन अन्य परियोजनाओं को भी अनुमति नहीं दे रही है.रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि मुख्यमंत्री मायवती ने यह कदम बौखलाहट में उठाया है क्योंकि कांग्रेस पार्टी उनके गाँव बादलपुर और नोएडा में किसानों की ज़मीन अधिग्रहण के फैसलों का विरोध कर रही थी. स्वयं सोनिया गांधी ने हाल में दादरी में माया सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति का विरोध किया था.उनका कहना है, "एक तरफ़ माया सरकार पार्कों के लिए किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण कर रही है , दूसरी तरफ़ रेल कोच फैक्ट्री के लिए पहले से अधिग्रहीत ज़मीन का आवंटन रद्द कर रही है".अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सोनिया गांधी मंगलवार का अपना रायबरेली दौरा रद्द करेंगी या नही.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता जोशी का कहना है कि रेल फैक्ट्री शिलान्यास का फ़ैसला रेल मंत्रालय करेगा लेकिन उनकी राय में प्रस्तावित रैली ज़रूर होनी चाहिए.इसमे कोई दो राय नहीं कि मुख्यमंत्री मायावती ने रेल कोच फैक्ट्री की ज़मीन वापस लेकर सोनिया गांधी से सीधे टकराव का न्योता दिया है. अब यह फ़ैसला सोनिया गाँधी को करना है कि वो मायावती से सीधे संघर्ष में उलझती हैं या फिर बचकर निकल जाती हैं. निर्मेश त्यागी
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