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Wednesday, September 3, 2008

सोराइसिस: बदसूरत त्वचा को बदलें खूबसूरती में

सोराइसिस त्वचा का ऐसा गंभीर रोग है, जिसमें त्वचा की पर्त बदसूरत व बदरंग होने लगती है। दवाओं से इस रोग के ठीक न होने का कारण यह है कि- दवाएं या तो सोराइसिस के लक्षणों मात्र का इलाज करती है या शरीर के रोग-प्रतिरोधक तंत्र को दबाने का। बहरहाल, होलिस्टिक से इस रोग का उपचार कर त्वचा की बदसूरती को खूबसूरती में बदला जा सकता है।

[कारण]

सोराइसिस होने का एक मुख्य कारण शरीर में अम्ल व क्षार का असंतुलन होना है। अपवादस्वरूद ऐसे रोगी भी है, जिनमें यह मर्ज अनुवांशिक कारणों से होता है। अम्ल और क्षार के असंतुलन के पीछे जो कारण उत्तरदायी है, उनमें हमारा गलत और अनियमित खानपान, रहन-सहन, अत्यधिक तनाव और प्रदूषित माहौल को शुमार किया जाता है।

[उपचार][भोजन में सुधार]

जैसे ही हम उच्च क्षारीय भोजन, जैसे अधिक मात्रा में अलग-अलग प्रकार के ताजे फल व सब्जियां लेना शुरू करते है, शरीर में क्षार व अम्ल के असंतुलन में सुधार होने लगता है। यह स्थिति रोग को ठीक करने की दिशा में यह पहला कदम है।

[क्लींजिंग]

इसके तहत लिवर का शोधन सबसे महत्वपूर्ण है। यह शोधन आसानी से एपसम साल्ट, जैतून का तेल या अरंडी तेल व नींबू से किया जा सकता है। साथ में क्षारीय भोजन व पानी की सही मात्रा के प्रयोग से शरीर का भी शोधन होने लगता है। इस कारण बीमारी के तेजी से ठीक होने में मदद मिलती है।

[न्यूट्रास्यूटिकल्स]आजकल सूक्ष्म पोषक तत्व बाजार में उपलब्ध है, जिनका सेवन कंसल्टेट के परामर्श से करे। न्यूट्रास्यूटिकल्स के प्रयोग से शरीर में विटामिन, खनिज लवण व फैटी एसिड्स आदि की कमी को पूरा किया जा सकता है।

[ह‌र्ब्स का प्रयोग]वनौषधियों के एक्सट्रेक्ट के प्रयोग से रोग का नाश करने काफी मदद मिलती है। मुख्य औषधियों में एम्बलाइका ऑफीसिनेलिस, टर्मिनेलिया बेलेरिका, टर्मिनेलिया चेबुला, विथानिया सोमनीफेरा, सोलेनम नाइग्रम, कैटेरिया लैक्का, एक्लिप्टा एल्बा, पिकरोराइजा कुरोआ आदि मुख्य है। इन सभी औषधियों का प्रयोग चिकित्सक के परामर्श के बगैर कदापि न करे। ये औषधियां मानसिक तनाव को दूरकर शरीर के रोग-प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करती हैं।

[उपचार की अवधि]सोराइसिस के मरीजों को पूरी तरह ठीक होने में लगभग चार महीने का समय लग सकता है। हांलाकि मरीज को राहत पहले महीने से ही मिलनी शुरू हो जाती ह

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