पटना। कोसी नदी के जलस्तर में कमी के बावजूद बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब भी हजारों लोग घिरे हुए हैं और वहीं सेना द्वारा जबरदस्त बचाव अभियान चलाने से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों से अब तक आठ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। राज्य सरकार ने क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी है।आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि कोसी समेत अन्य प्रमुख नदियों के जलस्तर में लगातार कमी हो रही है, जिससे प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य को और तेज कर दिया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में सेना के 30 कालम, नौसेना की चार टुड़कियों तथा नेशनल डिजास्टर रिसपांश फोर्स [एनडीआरएफ] के 635 जवान, 144 मोटर वोट और 1448 नौका के साथ लगे हैं।सूत्रों ने बताया कि प्रभावित इलाकों से अब तक आठ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है तथा शेष लोगों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। बाढ़ से विस्थापित लगभग तीन लाख लोगों को प्रभावित जिलों के 256 राहत शिविर और 116 चिकित्सा शिविर रखा गया है। सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 68 मवेशी शिविर तथा पेयजल के लिए 601 अतिरिक्त चापाकल लगाए गए हैं। इसके अलावा 68,798 पोलीथीन शीट्स वितरित की गई है। साथ ही इन क्षेत्रों में 47,375 फूड पैकेट्स और अन्य आवश्यक सामग्री भी वितरित की गई है।इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर आयुक्त प्रत्यय अमृत ने बताया कि नदी के जलस्तर में हुई कमी को देखते हुए कुछ लोग अपने घरों को छोड़कर शिविरों में आने के लिए तैयार नहीं है, जबकि वर्तमान स्थिति यह है कि नदी के जलछाजन क्षेत्र में वर्षा होने से कभी भी जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। अमृत ने कहा कि लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपने घरों को छोड़कर शिविरों में आए। इस तरह की अपील फूड पैकेट्स, एयर ड्रापिंग तथा पर्चियों के माध्यम से उन तक पहुंचाई जा रही है।उधर, राज्य सरकार ने क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सरकार ने 28 अभियंताओं को बाढ़ प्रभावित जिलों में स्थानांतरित कर दिया है। राज्य के पथ निर्माण मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित पांचों जिलों में पांच अभियंताओं की अतिरिक्त प्रतिनियुक्ति की गई है। साथ ही 28 अभियंताओं का स्थानांतरण बाढ़ प्रभावित इलाकों में किया गया है। स्थानांतरण आदेश में कहा गया है कि सात सितंबर के पूर्व अपना पद भार नहीं संभालने वाले अभियंताओं के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।मंत्री ने बताया कि पथ निर्माण विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों की सड़कों को जल्द आवागमन के योग्य बनाने के मद्देनजर शुक्रवार को वरीय अधिकारियों का एक दल बाढ़ प्रभावित इलाकों में सड़कों की हालत का जायजा लेने भेजा गया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को वे खुद भी क्षेत्र में जाकर सड़कों का जायजा लेंगे।
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