rashtrya ujala

Sunday, September 7, 2008

मोरचरी की सूरत बदलने में अभी लगेगा समय

पूर्वी दिल्ली : जीटीबी अस्पताल की मोरचरी की सूरत बदलने में अभी कई माह लग सकता है। क्योंकि इसके लिए अभी कार्य योजना कागजों में ही है। फिलहाल, अस्पताल प्रशासन ने इसे आधुनिक बनाने की जो योजना बनाई है, उससे इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी। नए एसी लगाए जाएंगे तथा मोरचरी के अंदर ही एक्सरे मशीन की व्यवस्था होगी। पोस्टमार्टम करने वाले उपकरण भी बदले जाएंगे।उल्लेखनीय है कि पोस्टमार्टम के दौरान कई बार खासकर गोली आदि लगने के मामले में डाक्टरों के सामने संदेहास्पद स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में पोस्टमार्टम बीच में ही रोक कर शव को अस्पताल के मुख्य भवन में लगभग पांच सौ से भी अधिक दूरी पर एक्सरे के लिए ले जाया जाता है। इससे डाक्टरों व स्टाफ को तो परेशानी होती ही है, परिजनों को भी यह नागवार गुजरती है। इसी समस्या के समाधान के लिए मोरचरी में ही पोर्टेबल एक्सरे मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। जरूरत पड़ने पर वहीं शव का एक्सरे किया जा सकेगा। मोरचरी में अभी सिर्फ 18 शव रखने की व्यवस्था है, मगर 30 शव तक रखने की क्षमता बढ़ाई जाएगी। एसी सिस्टम भी बदला जाएगा। क्योंकि जो सिस्टम लगा हुआ है, वह बेहतर साबित नहीं हो रहा है। लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अत्यधिक पुराने होने के कारण एसी सिस्टम की मरम्मत नहीं की जा सकती है। पोस्टमार्टम करने वाले उपकरण भी बदले जाएंगे। पोस्टमार्टम के लिए एक की जगह दो टेबल लगाई जाएंगी। जिससे जरूरत पड़ने पर एक साथ दो शवों के पोस्टमार्टम किए जा सकेंगे। पोस्टमार्टम कराने के लिए साथ आने वाले परिजनों के लिए मोरचरी के पीछे की तरफ बैठने की व्यवस्था की जाएगी।इस संबंध में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा.पी.सी.दीक्षित कहते हैं कि इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। कई मामलों में सचिवालय से स्वीकृति लेनी होती है। उन्होंने आशा जतायी कि शीघ्र ही कार्य शुरू हो जाएगा।

No comments: