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Saturday, September 6, 2008

पीएलए में कैद करोड़ों की राशि पर सरकारी ताला

मुरादाबाद : सभी विभागों के पर्सनल लेजर एकाउंट (पीएलए) में पड़ी करोड़ों रुपए की धनराशि शासन ने फ्रीज कर दी है। राज्य सरकार के वित्त विभाग की विशेष अनुमति पर ही 15 सितंबर तक ये धनराशि खर्च हो सकेगी। पीएलए में मौजूद केंद्र सरकार की धनराशि के अंश पर यह रोक प्रभावी नहीं है। तमाम विभागों के पीएलए में कैद करोड़ो की राशि पर सरकारी ताले से विभागों में हड़कंप है।लेटलतीफ सरकारी विभाग वित्त वर्ष के अंत में धनराशि लैप्स होने से बचाने के लिए पीएलए में डाल देते हैं। इससे शासन की योजनाएं विलंबित होती हैं। सरकार ने अब सरकारी राशि को काम में लगाने की बजाय पीएलए में कैद करने के चोर रास्ते को बंद कर विकास कार्यो में तेजी लाने की कोशिश की है। सरकारी विभागों को अब वित्तीय वर्ष के लिए मिला धन उसी साल खर्च करना होगा। ऐसा न करने पर अब धनराशि लैप्स हो जाएगी। प्रमुख सचिव वित्त अनूप मिश्रा द्वारा शासनादेश जारी करके 31 मार्च 07 को पीएलए में पड़ी राज्य सरकार की समूची धनराशि फ्रीज करा दी गई है। इस धनराशि के निकालने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए कहा गया है कि 15 सितंबर तक पीएलए में पड़ी धनराशि की मानीटरिंग की जाएगी। इस दौरान पीएलए में पड़ी धनराशि वित्त विभाग के आदेश पर ही निकाली जा सकेगी। संबंधित विभाग को इसके लिए अपने प्रशासनिक विभाग का सहारा लेना होगा।शासनादेश में यह भी साफ हिदायत है कि अब वित्त वर्ष की समाप्ति पर राज्य सरकार की धनराशि पीएलए में नहीं डाली जाएगी, न ही कोई पैसा बैंक में दिया जाएगा। अग्रिम आहरण के लिए भी नया नियम बनाया गया है। अब दो महीने के खर्चे के बराबर ही पैसा निकाला जा सकेगा। एकमुश्त एलाटमेंट भी कोई विभाग नहीं करेगा। एलाटमेंट चरणों में किया जाएगा। 12 वें वित्त आयोग से मुक्त होने वाले पैसे को इस धनराशि से मुक्त रखा गया है। खास बात यह है कि केंद्रांश के तहत मिलने वाली धनराशि को भी इस आदेश से मुक्त रखा गया है।इस शासनादेश के बाद तमाम विभागों में हड़कंप मचा है। सूत्रों के मुताबिक जिले के सरकारी विभागों का करीब पांच करोड़ रुपया पीएलए में है।

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