Thursday, September 11, 2008
आठ हजार छात्रों को न्यायालय ने दी राहत
यूपीटीयू से संबद्ध निजी संस्थानों में रिक्त सीटों को भर चुके कॉलेजों को उच्च न्यायालय ने राहत दी है। न्यायालय ने यूपी टेक्निकल इंस्टीट्यूशन फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका पर फैसला देते हुए कॉलेजों द्वारा किए गए प्रवेश को वैध करार दिया है। इससे करीब आठ हजार छात्रों के भविष्य पर लटकी तलवार हट गई है। बाकी बची सीटों के लिए यूपीटीयू को काउंसलिंग करने का अधिकार होगा।यूपीटीयू ने प्रदेश के निजी तकनीकी संस्थानों में रिक्त बची करीब 13 हजार सीटों के लिए काउंसिलिंग का एक और चरण आयोजित करने की घोषणा की है। यह चरण 12 सितंबर से आयोजित किया जाना है, लेकिन कई संस्थानों ने रिक्त सीटों पर प्रबंधन कोटे के तहत छात्रों को दाखिला दे दिया था। विवि की काउंसिलिंग की घोषणा के विरोध में इन संस्थानों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। बुधवार को उच्च न्यायालय ने इस पर अपना फैसला सुनाते हुए कॉलेजों के प्रवेश को वैध करार दिया है। कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे रिक्त सीटों पर प्रवेश ले चुके छात्रों की सूची 12 सितंबर तक विवि में जमा करा दें। इस फैसले से प्रवेश ले चुके करीब आठ हजार छात्रों ने राहत की सांस ली है। न्यायालय ने बाकी बची सीटों के लिए काउंसलिंग कराने की अनुमति यूपीटीयू को दे दी है।फाउंडेशन के महासचिव अतुल जैन का कहना है कि शासन ने 14 फरवरी 08 को एक शासनादेश जारी कर संस्थानों को रिक्त सीटों पर दाखिले करने की अनुमति दी थी। इसके बाद कॉलेजों ने छात्रों को दाखिला दे दिया। अब यूपीटीयू ने इन सीटों के लिए काउंसलिंग कराने की घोषणा कर दी। इससे छात्रों व कॉलेजों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने प्रवेश को वैध करार देकर इस पर विराम लगा दिया है। हालांकि जिन कॉलेजों में अभी भी सीटें रिक्त है उनके लिए यूपीटीयू काउंसलिंग करा सकेगा।
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