rashtrya ujala

Saturday, September 13, 2008

भारत में आतंक का साया

राजधानी दिल्ली के अलावा देश के अन्य स्थानों पर पिछले 15 वर्षों के दौरान हुए बम धमाकों की प्रमुख घटनाओं का वर्षक्रमानुसार ब्योरा इस प्रकार है-
मार्च 1993- मुम्बई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों में 257 लोगों की मृत्यु, एक हजार से ज्यादा घायल।
1 अक्टूबर 2001- आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर राज्य विधानसभा परिसर में बम विस्फोट कर 35 लोगों की हत्या की।
(अगस्त 2003- मुम्बई में दो टैक्सियों में रखे बमों में विस्फोट, 52 मरे और 100 से ज्यादा घायल।
8 सितंबर 2006- नासिक के मालेगाँव में मस्जिद के पास तीन विस्फोट, 37 मरे और सौ से अधिक घायल।
11 जुलाई 2006- मुंबई की लोकल ट्रेनों में धमाके, 200 लोग मारे और 700 से ज्यादा घायल।
7 मार्च 2006- वाराणसी में रेलवे स्टेशन और संकटमोचन मंदिर में धमाके, 20 मरे।
23 नवंबर 2007- लखनऊ, फैजाबाद और वाराणसी की अदालतों में धमाके, 13 मरे, 75 घायल।
11 अक्टूबर 2007- अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में धमाके, दो मरे, 14 घायल।
25 अगस्त 2007- हैदराबाद में बम विस्फोट, 42 मरे, सौ घायल।
18 मई 2007- हैदराबाद की मक्का मस्जिद में धमाके, 11 मरे।
18 फरवरी 2007- समझौता एक्सप्रेस में दो धमाके , 60 मरे।
एक जनवरी 2008- उत्तरप्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ के शिविर पर हमला, सात पुलिसकर्मी समेत आठ मारे गए।
मई 2008- जयपुर में 12 मिनट के अंदर हुए आठ बम विस्फोटों में 65 लोगों की मृत्यु, 150 घायल।
जुलाई 2008- बेंगलुरु में नौ बम धमाकों में दो लोग मरे, 12 घायल।
26 जुलाई 2008- अहमदाबाद में सीरियल ब्लास्ट, 50 से अधिक मरे।

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