किसानों पर पुलिस ने गोलियां बरसाईं |
डीएम, एसएसपी,सीओ व
एसडीएम सहित 70 से अधिक घायल
मरनेवालों में आठ किसान व
दो पुलिसकर्मी शामिल
मुआवजे की मांग को लेकर
ग्रेटर नोएडा में संघर्ष कर रहे थे किसान
किसानों के सिर और पीठ
पर मारी गईं गोलियां
नोएडा । ग्रेटर नोएडा में मुआवजे की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने गोलियां बरसाईं, जिसमें आठ किसानों की मौत हो गई। साथ ही झड़पों में दो पुलिसकर्मी भी मारे गए।
बहरहाल जिला प्रशासन ने तीन किसानों व एक पुलिसकर्मी की मौत की पुष्टि की है। किसान और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में जिलाधिकारी, एसएसपी,सीओ व एसडीएम सहित 70 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने हालात को काबू में रखने के लिए ग्रेटर नोएडा की सीमाओं को सील कर दिया। घायलों का उपचार के लिए पास के अस्पतालों में भरती कराया गया, जहां मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया गया। ग्रेटर नोएडा के बिगडते हालाता को देखते हुए आईजी और डीआईजी घटनास्थल की जांच करने पहुंच गए।
मुआवजे की मांग को लेकर ग्रेटर नोएडा में बीते कुछ माह से किसान संघर्ष कर रहे थे। स्थानीय किसानों द्वारा प्राधिकरण अधिकारियों पर लगातार दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा था। इसके बाद भी दोनों के बीच समझौता नहीं हो पा रहा था। किसानों की मांग थी कि जमीन का मुआवजा बाजार की कीमत पर दिया जाए। स्थानीय किसानों की संघर्ष समिति द्वारा तीन दिनों पूर्व नोटिस दिया गया था। नोटिस में कहा गया था कि 13 अगस्त को वे अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण कार्यालय का घेराव करेंगे। चेतावनी यह भी दी गई थी कि मांग पूरी न होने की स्थिति में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। प्राधिकरण अधिकारियों ने नोटिस को गंभीरता से लेते हुए आज सुबह से ही सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था कर ली थी। जिला प्रशासन ने अधिकारियों की सुरक्षा के लिए पीएसी और स्थानीय पुलिसकर्मियों को तैनात किया हुआ था। दोपहर लगभग 12 बजे किसान ट्रक और ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे। वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस पर किसान उग्र हो गए और अपने वाहनों को नहीं रोका। सामने खड़े कांस्टेबल के ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा दिया, जिससे कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद किसानों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करना शुरू कर दिया। किसानों द्वारा किए गए अचानक हमले से डयूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों में भगदड़ मच गई।
घटनास्थल पर मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने हालत बिगड़ते देख फायरिंग के आदेश दे दिए। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसानों पर फायरिंग शुरू कर दी। वहीं, दूसरी तरफ किसानों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। दोनों तरफ से हुए संघर्ष में एसएसपी, जिलाधिकारी, सीओ, एसडीएम सहित लगभग साठ से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जाता है कि पुलिस ने सभी पुलिस के घायल जवानों व किसानों को तुरंत ही ग्रेटर नोएडा स्थित कैलाश अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया। घायल दो पुलिसकर्मियोंतथा आठ किसानों की मौत हो गई। जिला प्रशासन ने अभी तक केवल एक पुलिसकर्मी तथा तीन किसानों की मौत होने की पुष्टि की है। घटना स्थल के हालात देखने से साफ लग रहा था कि दोनों पक्षों में काफी लोगों की मौत हुई है। विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि उनके साथियों की मौत होने के बाद पुलिसकर्मियों ने शव को कब्जे में ले लिया था। किसानों का आरोप है कि घटना स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने जमकर फायरिंग की। घटना स्थल पर मौजूद एसएसपी आर.के.चतुर्वेदी ने कहा कि किसानों द्वारा अगर विरोध प्रदर्शन के दौरान उग्र किया जाता है तो व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। किसानों का नेतृत्व करने वाले नेताओं से सख्ती से निपटा जाएगा। इस घटना के बाद भी ग्रेटर नोएडा में स्थिति तनावपूर्ण, मगर नियंत्रण में है। जिला प्रशासन के अनुसार, मृतकों की पहचान कालू पुत्र प्रीतम,योगेश पुत्र किरन पाल, मनोज सभी घोड़ी बछेड़ा के निवासी हैं, जबकि घायलों में कांस्टेबलों रविदत्त व श्रीधर मुरादाबाद पीएसी में शामिल हैं, जिनमें से एक मौत हो गई।
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