हांगकांग। हाल में हुए शोध के मुताबिक एक परिपक्व दिमाग के लिए नर्व सेल्स [तंत्रिका कोशिकाओं] का लगातार बनते रहना जरूरी है। विशेष रूप से गंध की पहचान और स्मरण शक्ति के लिए यह बेहद आवश्यक है। जापान में चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।किसी स्वस्थ व्यक्ति के दिमाग में नई कोशिकाएं बनती रहती हैं लेकिन अभी तक इसके महत्व का अंदाजा नहीं था। नई खोज से यह जानने में मदद मिल सकती है कि चोट या सदमे के बाद कुछ लोगों की यादाश्त क्यों चली जाती है या फिर चीजों को सही ढंग से महसूस क्यों नहीं कर पाते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका कारण यह होता है कि इन व्यक्तियों के दिमाग में नई कोशिकाओं का बनना बंद हो जाता है। यह शोध नेचर न्यूरोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने चूहे में ऐसा प्रोटीन प्रवेश कराया जिससे निकलने वाली रोशनी बाहर से देखी जा सकती थी। इससे दिमाग की नई कोशिकाओं की पहचान करने में आसानी हुई। एक साल के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि आोलफैक्टोरी बल्ब [जो गंध महसूस करने के लिए जिम्मेदार होता है] की सभी तंत्रिका कोशिकाओं की जगह नई कोशिकाओं ने ले ली।नई तंत्रिका कोशिकाएं यादाश्त से संबंधित हिप्पोकैंपस में भी देखी गई। क्योटो विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ वायरस रिसर्च के निदेशक प्रोफेसर रायोइछीरो कागेयामा ने बताया कि तंत्रिका कोशिकाएं सूंघने की क्षमता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सामान्य चूहे जल्दी ही सीख जाते हैं कि उनकी बिल में अंधेरा कहा है और उन्हें कहां आराम करना है। लेकिन शोधकर्ताओं ने चूहों के एक अन्य दल के दिमाग में नई तंत्रिका कोशिका का बढ़ना रोक दिया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि नई कोशिकाओं का बनना बंद होते ही इनकी स्मरण शक्ति धीरे-धीरे समाप्त हो गई।
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