कोलकाता : जाने-माने उद्योगपति और राज्यसभा के पूर्व सदस्य के. के. बिड़ला का शनिवार सुबह यहां उनके आवास पर निधन हो गया। वह 90 साल के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
हिन्दुस्तान टाइम्स और बिड़ला समूह के अनेक उद्योगों के अध्यक्ष बिड़ला के परिवार में उनकी 3 बेटियां नंदिनी नुपानी, शोभना भरतिया और सरोज पोतदार हैं। शोभना भरतिया हिन्दुस्तान टाइम्स की संपादकीय सलाहकार हैं।
के। के. बिड़ला की पत्नी मनोरमा देवी बिड़ला का एक महीना पहले निधन हो गया था।
उद्योगपति के अलावा भी बहुत कुछ थे के। के. बिड़ला
कोलकाता : के. के. बाबू के रूप में मशहूर कृष्ण कुमार बिड़ला न सिर्फ एक बड़े उद्योगपति थे, बल्कि मॉर्डन संस्थानों के निर्माण में भी उन्होंने काफी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने पैतृक स्थान पिलानी (राजस्थान) में बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी की स्थापना की। आज इसकी शाखाएं पूरे देश में फैली हैं।
उनका जन्म 11 नवंबर 1918 को हुआ था। उनके पिता घनश्याम दास बिड़ला आजादी के लड़ाई के दौरान कांग्रेस के सपोर्टर और गांधी जी के करीबियों में शामिल थे। उनकी उच्च शिक्षा कोलकाता, दिल्ली और पंजाब यूनिवर्सिटी से हुई । वह 1984 से 2000 तक लगातार राज्यसभा के सदस्य भी रहे और इस दौरान संसद की कई समितियों की अध्यक्षता की। वह बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के चांसलर और हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप के चेयरमैन भी थे। .
इसके अलावा उन्होंने कई किताबें भी लिखीं। इसमें एक किताब इंदिरा गांधी पर भी लिखी गई। उन्होंने के। के. बिड़ला फाउंडेशन की स्थापना भी की, जो भारतीय साहित्य, रिसर्च, आर्ट और कल्चर के लिए लोगों को अवॉर्ड भी देता है।
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