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Sunday, August 24, 2008

नमस्ते लंदन के साथ ओलिंपिक खत्म

पेइचिंग : एक - दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ के बीच मेज़बान चीन को नई खेल महाशक्ति के रूप में उभारने वाले 29वें ओलिंपिक खेलों का रंगारंग समापन हो गया है। साथ ही चार साल बाद लंदन में मिलने का वादा भी किया गया। पेइचिं ग के मेयर गुआओ जिनलोंग के 2012 के मेज़बान लंदन के मेयर बोरिस जॉनसन को ओलिंपिक फ्लैग सौंपने के साथ ही अब तक के सबसे आकर्षक ओलिंपिक खेलों का समापन हुआ। इस बार कई नए रेकॉर्ड बने और चीन ने दुनिया को अपनी मेहमानवाज़ी का कायल बनाया। चीन ने 16 दिन में मेज़बानी से लेकर खेल मैदान तक हर क्षेत्र में मैदान मारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने 51 गोल्ड सहित 100 मेडल्स जीतकर अमेरिका और रूस की बादशाहत को तोड़ा। साथ ही दुनिया की उन सभी आशंकाओं को भी समाप्त कर दिया, जो 2001 में उसे मेज़बानी मिलने के बाद से ही मानवाधिकार, प्रदूषण, यातायात और खाने से लेकर हर छोटी बात के लिए सवाल उठा रही थीं। भारत के लिए भी यह ओलिंपिक खुशियों की सौगात लेकर आया और उसने एक गोल्ड सहित तीन पदक हासिल किए, जो ओलिंपिक में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। चीन में 302 गोल्ड मेडलों का फैसला हुआ। लेकिन यहां दुनिया ने अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स और जमैका के फर्राटा रनर उसैन बोल्ट को इतिहास रचते हुए देखा, जिनके रेकॉर्ड भविष्य में भी खिलाड़ियों के चुनौती बने रहेंगे।

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