मुशर्रफ़ और अमरीका के ख़िलाफ़ नारे लगाए गए |
शांतिपूर्वक संपन्न हो चुकी रैली में हिस्सा लेने वालों ने मस्जिद पर सैनिक कार्रवाई करने का आदेश देने वालों को सज़ा दिए जाने की माँग की और अमरीका के ख़िलाफ़ जंग जारी रखने के नारे भी लगाए.इस सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित किया गया है कि जिसमें कहा गया है कि परवेज़ मुशर्रफ़ ख़ुद लाल मस्जिद पर कार्रवाई के लिए ज़िम्मेदार थे इसलिए उन्हें क़ातिल क़रार देते हुए सरेआम फाँसी दी जाए.लाल मस्जिद में रविवार को राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसमें देश भर के मदरसों में पढ़ने वाले हज़ारों छात्र हिस्सा ले रहे हैं.अब से एक साल पहले लाल मस्जिद में शरण लेने वाले चरमपंथियों को बाहर निकालने के सेना ने धावा बोला था जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे, मारे जाने वालों में लाल मस्जिद के इमाम अब्दुल रशीद गाज़ी भी शामिल थे.इस्लामाबाद से बीबीसी संवाददाता आसिफ़ फ़ारूक़ी का कहना है कि लाल मस्जिद के आसपास के इलाक़े में भारी भीड़ लगी थी, जामिया हफ़्सा के मैदान में हज़ारों लोग दरियाँ बिछाकर बैठे जिन्हें एक धार्मिक नेताओं ने संबोधित किया.इस्लामाबाद में कड़ी सुरक्षा के बीच हुई इस रैली में लोगों में काफ़ी गुस्सा दिखाई दिया और उन्होंने सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की.इस सम्मेलन का आयोजन उलेमा एक्शन कमेटी ने किया था जिसमें देश भर की मस्जिदों और मदरसों के प्रतिनिधि शामिल हैं.
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