अनूप कुमार मिश्र, नई दिल्ली
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे स्थित नव-निर्मित रन-वे संख्या तीन से 21 अगस्त को विमान परीक्षण के तौर पर उड़ान भरना शुरू कर देगा। इस दौरान सब कुछ ठीक रहा तो इस रन-वे से 28 अगस्त को व्यावसायिक उड़ानों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि वर्तमान समय में दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी रन-वे से जुड़ी एजेंसियों द्वारा उठाई गई आपत्तिायों को जल्द से जल्द दूर करने में लगे हैं। आपत्तिायां दूर करने के बाद ही नए रन-वे से विमानों के उड़ान भरने का रास्ता साफ हो सकेगा।गौरतलब है कि इस हवाई अड्डे पर दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से एयर ट्रैफिक बढ़ रहा है। वर्ष 2005-2006 में आईजीआई एयरपोर्ट पर जहां 16 मिलियन यात्रियों की आवाजाही हुई। वहीं 2006-2007 में यह संख्या 20 मिलियन तक पहुंच गई। इसी प्रकार 2007-08 में यह संख्या बढ़कर 24 मिलियन पहुंच गई। 2010 में यह संख्या 34 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर डायल ने एयरपोर्ट पर नया रन-वे बनाने का फैसला किया। डायल के मास्टर प्लान के अनुसार इस नए रन-वे को 30 जून 2008 को बन कर तैयार हो जाना था। लेकिन विभिन्न कारणों से समय से इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका। एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक पहले रन-वे का निर्माण ही तय समय तक पूरा नहीं हो सका। फिर रन-वे को स्वीकृति प्रदान करने वाली एजेंसियों ने तकनीकी कारणों से इस रन-वे पर आपत्तिजताई। इसके बाद रन-वे के दोनों ओर पड़ी मिट्टी को हटाने संबंधी आदेश डायल को दिए गए। आदेश के बाद डायल के अधिकारियों ने इस रन-वे से पंद्रह अगस्त को परीक्षण के तौर पर उड़ान भरने की स्वीकृति मांगी। लेकिन स्वतंत्रता दिवस की सुरक्षा के कारण परीक्षण उड़ान की स्वीकृति नहीं दी गई। बताते हैं कि अब परीक्षण उड़ान के लिए 21 अगस्त की अनुमति दी गई है। यदि सब कुछ सफल रहा तो संभवत: 28 अगस्त से इस रन-वे से व्यावसायिक उड़ानों का संचालन शुरू कर दिया जाएग
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