rashtrya ujala

Saturday, August 9, 2008

ॉ. े.ी.स.साहन


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भारत में हर नौवाँ व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित है। उच्च रक्तचाप के बड़े पैमाने पर मौजूद होने के बावजूद ज्यादातर लोग इसकी उपस्थिति से अनजान हैं, क्योंकि आरंभिक चरण में इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि 45 प्रतिशत से भी कम लोगों को यह पता है कि उन्हें उच्च रक्तचाप है और जिन्हें मालूम हैं उनमें से भी लगभग 10 प्रतिशत ही इलाज करवा रहे हैं
यह एक विस्फोटक स्थिति है क्योंकि उच्च रक्तचाप का अगर लंबे समय तक इलाज ना हो तो यह बढ़ सकता है और जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है।
समय की माँग है कि लोगों को नियमित जाँच के प्रति सचेत बनाया जाए ताकि इसकी शीघ्र ही पहचान हो सके। बेहतर निदान और उपचार रूपात्मकता के प्रति प्राथमिक स्वास्थ्‍य चिकित्सकों में जागरुकता पैदा कर उच्च रक्तचाप की जटिलताओं को कम करने में प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है
उच्च रक्तचाप का जोखि
अनुसंधान से पता चलता है कि जिन लोगों को उच्च रक्तचाप है वे लोग सामान्य रक्तचाप वाले लोगों की तुलना में दो गुना दिल की बीमारियों का शिकार होते हैं। उच्च रक्तचाप पीड़ित व्यक्ति के हृदयाघात की संभावना चार गुना और स्ट्रोक आने की संभावना सात गुना होती है

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140/90 एमएमजी को हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप कहते हैं। हाई ब्लड प्रेशर रक्त वाटिकाओं दिल, दिमाग, किडनी और अन्य अंगों को क्षति पहुँचा सकता है और कई जटिल बीमारियों जैसे हार्ट अटैक और किडनी की बीमारियों की तरफ ले जा सकता है जिससे मौत भी हो सकती है।
उच्च रक्तचाप को 'मूक हत्यारे' के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह बिना किसी प्रमुख लक्षण के नुकसान पहुँचा सकता है। इसके पता ना चलने और इलाज में देरी होने के यही कारण हैं
उच्च रक्तचाप की बढ़ती उपस्थिति
उच्च रक्तचाप की बढ़ती घटनाएँ जल्द ही भारत को दुनिया में उच्च रक्तचाप की राजधानी बना देंगी। वर्ष 2000 में दुनियाभर में लगभग एक अरब लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित पाए गए।
भारत में 1.20 करोड़ लोग सन् 2000 में उच्च रक्तचाप से प्रभावित हुए थे और 2025 तक यह संख्या बढ़कर 2.13 करोड़ हो जाने का अनुमान है। कम उम्र के लोगों में उच्च रक्तचाप की घटनाएँ बढ़ी हैं।
विभिन्न कारकों जैसे शहरीकरण, औद्योगीकरण, गलत आहार अभ्यास और अलग ढंग की जीवन शैली की वजह से आदतों में बदलाव आया है, वहीं ‍पश्चिमी जीवनशैली के प्रति अनुकूलता और जीवनशैली में बदलाव उच्च रक्तचाप की बढ़ती घटनाओं में योगदान कर रहे हैं
उच्च रक्तचाप के कुछ जोखिम वाले कारक जुड़े हैं। इनमें प्रमुख हैं - उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल स्तर, मधुमेह, अधिक वजन और गतिहीन जीवनशैली
तनाव, धूम्रपान और शराब का सेवन, उच्च वसायुक्त आहार, ज्यादा चीनी और कम फाइबरयुक्त भोजन कुछ महत्वपूर्ण जीवन शैली संबंधित कारक हैं जो रक्तचाप वृद्धि में योगदान करते हैं।
उच्च रक्तचाप के कुछ जोखिम वाले कारक हैं जिनको बदला नहीं जा सकता जैसे आयु, लिंग और पारिवारिक इतिहास परंतु जीवन शैली और आदतों से संबंधित जोखिम वाले कारकों में उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करने के लिए बदलाव लाना संभव है
अत्यधिक तनाव उच्च रक्तचाप पैदा कर सकता है वहीं दूसरी ओर कुछ लोग अपने आप को तनावमुक्त करने के लिए शराब और सिगरेट का सेवन करके अपने आपको खतरे की ओर ले जाते हैं
ज्यादा नमक (सोडियम क्लोराइड) का सेवन भी उच्च रक्तचाप बढ़ने का संभावित कारण है। नमक का सेवन एक टी स्पून तक कम कर देने से उच्च रक्तचाप को कम किया जा सकता है।
लक्ष
आमतौर पर चिकित्सक की नियमित जाँच के दौरान इसकी खोज होती है। अगर रक्तचाप बहुत अधिक और जल्दी बढ़ता है तो यह उच्च रक्तचाप संकट की ओर ले जा सकता है। बहुत ही उच्च रक्तचापों के कारणों में शामिल है।
* सिरदर्द, विशेष रूप से सुबह आँखों के पीछे टपकन
* दृश्य गड़बड़ी
* मतली और उल्टी
उच्च रक्तचाप कई अंगों को क्षति भी पहुँचा सकता है जिसके परिणामस्वरू
* सीने में दर्
* स्ट्रोक
* किडनी फे
* नेत्र क्षत
उच्च रक्तचाप सीधे तौर पर 57 प्रतिशत स्ट्रोक और 24 प्रतिशत कोरोनरी धमनी रोगों से होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार है।
सावधानियाँ
उच्च रक्तचाप बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता रहता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि समय पर इसकी पहचान कर इसकी जटिलताओं को रोकें
निवारण इलाज से बेहतर है। 30 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाएँ और 25 वर्ष से अधिक आयु वाले पुरुष नियमित रूप से इसकी जाँच कराएँऐसे लोग जिनका इस रोग का पारिवारिक इतिहास है या जिनकी जीवनशैली की वजह से यह रोग हो सकता है। उन्हें तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
इसलिए अगली बार आप अपने मित्र या पड़ोसी चिकित्सक के पास से गुजरें तो रुककर नमस्कार कहें और अपनी आस्तीन ऊपर कर रक्तचाप की जाँच करने को कहें।

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