लंदन। जरा 125 साल की उम्र तक जीवित रहने की कल्पना कीजिए। वह भी स्वस्थ और भले चंगे। हो सकता है यह आपको कल्पना की उड़ान लगे, लेकिन वैज्ञानिक इसे हकीकत बनाने में जुटे हैं। वैज्ञानिकों ने आनुवांशिक गुणों के आधार पर ऐसा उपाय ढूंढ निकालने का दावा किया है जिसकी मदद से न सिर्फ दीर्घायु जीवन संभव हो सकेगा बल्कि कैंसर का खतरा भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा।मैड्रिड स्थित स्पेन के राष्ट्रीय कैंसर शोध केंद्र के वैज्ञानिकों का दल चूहों पर किए प्रयोगों के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा है। वैज्ञानिकों ने पाया कि चूहों की आयु न सिर्फ 45 फीसदी तक बढ़ गई बल्कि वे ट्यूमर मुक्त भी रहे। शोध के मुताबिक यदि यह प्रयोग इंसानों पर किया जाए तो उसकी आयु भी बढ़ जाएगी। क्योंकि आयु बढ़ाने वाला जीन चूहों और इंसान में एक ही तरह से काम करता है।डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट में शोध दल के प्रमुख वैज्ञानिक मारिया ब्लास्को के हवाले से कहा गया है कि इंसान अब 125 साल तक जी सकता है और वह भी बिना कैंसर के। शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने टेलोमेरास, पी 53 और पी 16 नाम के तीन जीन की अतिरिक्त प्रति चूहों की स्टेम सेल में डाल दी। तीनों जीन लंबी आयु और ट्यूमर की वृद्धि रोकने में महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इनकी अतिरिक्त प्रति डाल देने से शरीर में अधिक प्रोटीन बनाने लगा और ये अधिक सक्रिय हो गए। इसकी वजह से क्रोमोसोम का सिकुड़ना बंद हो गया। यही वह प्रक्रिया है जो किसी जीव या आदमी की उम्र बढ़ने के दौरान होती है। इसका अर्थ हुआ कि पी 53 और पी 16 मिलकर कोशिकाओं को उत्परिवर्तित होने और विभाजित होने से रोकते हैं। इस तरह ये कैंसर या ट्यूमर से बचाव में भी कारगर होते हैं।
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