भोपाल. राजधानी सहित पूरे प्रदेश में नकली नोट का कारोबार तेजी से पांव पसार रहा है। रिजर्व बैंक के स्थानीय कार्यालय में रोजाना तीन नकली नोट पहुंच रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार हर महीने दो करोड़ रुपए के नकली नोट मप्र के बाजार में उतारे जा रहे हैं।हाल ही में उप्र में गोरखपुर जिले के डुमरियागंज में एक बैंक कर्मचारी पांच सौ और हजार रुपए के नोट की गड्डी में नकली नोट लगाने के आरोप में पकड़ा गया था।राजधानी में भी बड़ी संख्या में लोग यह शिकायत करते हैं कि उन्हें एटीएम या बैंक के काउंटर से नकली नोट मिला। कई बार तो स्थिति यह होती है कि एक बैंक जिस नोट को असली बताता है, दूसरा उसे नकली बता कर जब्त कर लेता है।रिजर्व बैंक सूत्रों के अनुसार दो सालों में नकली नोट मिलने की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। एक समय था जब रिजर्व बैंक के स्थानीय कार्यालय में महीने में एक या दो नकली नोट आते थे। यह संख्या बढ़ते-बढ़ते स्थिति यह हो गई कि अब रोजाना दो से तीन नोट रिजर्व बैंक में आ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर पांच सौ और हजार के होते हैं।ऐसी आशंका जताई जा रही है कि प्रदेश में हर महीने दो करोड़ के नकली नोट बाजार में आ जाते हैं। सूत्रों के अनुसार नेपाल और बांग्लादेश से सबसे ज्यादा नकली नोट भारत आ रहे हैं। असली नोट की गड्डियों में एक या दो नकली नोट फंसाए जा रहा है। बैंक काउंटर या एटीएम पर यह आसानी से पकड़ में नहीं आता।रिजर्व बैंक के अधिकारियों के अनुसार आपारधिक प्रवृत्ति के लोग कलर स्केनर और फोटोकापी मशीन की सहायता से नकली नोट तैयार करने की कोशिश करते हैं, लेकिन थोड़ी सी सतर्कता से उन्हें पकड़ा जा सकता है।उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने फरवरी में पुलिस को तीन लाख रुपए के नकली नोट भेजे थे। पुलिस अधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि नकली नोट मिलने की संख्या बढ़ रही है।रिजर्व बैंक से नकली नोट की शिकायतों में वृद्धि हुई है। किसी भी बड़े गिरोह के पकड़े जाने पर इस बारे में सख्त कार्रवाई की जाती है।
- जयदीप प्रसाद, पुलिस अधीक्षक
Friday, August 8, 2008
हर माह दो करोड़ के नकली नोट
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