निर्मेश त्यागी
गोकुलपुरी सर्वोदय कन्या विद्यालय में अव्यवस्था का आलम यह है कि नौवीं-10वीं की ही नहीं, 11वीं-12वीं की छात्राएं भी जमीन पर बैठ पर पढ़ाई करने को विवश हैं। अधिकतर कक्षाओं में पंखे बंद हैं। इसके अलावा छात्राओं को पेयजल की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है।इस विद्यालय में 35 सौ छात्राएं अध्ययनरत हैं। डेस्क की कमी के चलते स्कूल में लगभग 1500 छात्राएं जमीन पर बैठती हैं। उच्च कक्षाओं की छात्राओं के जमीन पर बैठने से इन छात्राओं में हीनभावना तो जागृत होती ही है, साथ में उन्हें जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने में भी असुविधा होती है। स्कूल में 55 सेक्शन हैं और कम से कम 60 कमरे होने चाहिए। मगर कमरे मात्र 40 ही उपलब्ध हैं। ऐसे में कई कक्षाएं कमरों के बाहर भी लगाई जाती हैं। कमरों में लगाए गए पंखे खराब हैं, जिसके चलते छात्राएं इस उमस भरी गर्मी में परेशान होती हैं। यही नहीं, यहां पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। स्कूल में शिक्षकों की भी कमी है। उनकी नियुक्ति सृजित पदों के अनुसार भी नहीं है। शिक्षा विभाग द्वारा इस स्कूल में गणित विषय के लिए शिक्षकों के 11 पद सृजित हैं, मगर इस विषय के मात्र दो ही शिक्षक हैं। शेष शिक्षकों की कमी गेस्ट टीचरों से पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। यही स्थिति विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व अंग्रेजी विषय की भी है। इन सभी विषयों के लिए गेस्ट शिक्षकों का सहारा लिया जा रहा है। मगर कंप्यूटर की पढ़ाई अब भी तालों में कैद है, क्योंकि कंप्यूटर शिक्षा के लिए लैब बनी है। उसमें 20 कंप्यूटर भी रखे हैं। मगर ऊपर से ताला लगा है, क्योंकि जिस कंपनी ने लैब बनवाई थी, उसके साथ विभाग का विवाद हो गया था, जो अभी तक नहीं सुलझ सका है।इस संबंध में शिक्षा विभाग उत्तारी-पूर्वी मंडल के उप निदेशक आर.ए.यादव कहते हैं कि वह समस्याओं के संबंध में स्कूल के लोगों से जानकारी लेंगे। उनका कहना था कि जहां तक उन्हें जानकारी है कि स्कूल में क्षमता से अधिक छात्राएं हैं। इससे व्यवस्था प्रभावित होती है। उन्होंने बताया कि वैसे तो सभी स्कूलों में काफी समस्याएं हल कराई गई हैं और शिक्षा के स्तर में काफी सुधार हुआ है।
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