निर्मेश त्यागी
नई दिल्लीः इससे पहले उन्होंने इंटरनैशनल स्टेज पर कई निशाने साधे थे, लेकिन पेइचिंग में सोमवार को जो सुनहरा निशाना अभिनव बिंद्रा ने लगाया है, उससे हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा उठ गया है। भारत की शान बन चुके अभिनव अब मल्टीनैशनल कंपनियों के 'निशाने' पर हैं। कार्परट वर्ल्ड उनकी लोकप्रियता को भुनाने की तैयारी में जुट गया है। अभिनव ने 10 मीटर एयर रायफल स्पर्द्धा का गोल्ड मेडल अपने नाम किया। गौरतलब है कि करीब 80 साल पुराने भारतीय ओलिंपिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी ने व्यक्तिगत स्पर्धा में सोना जीता हो।
उम्मीद है कि इस उपलब्धि से उनकी ब्रैंड वैल्यू दो करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। इसमें उनकी हैरतअंगेज सफलता के साथ युवा व्यक्तित्व का भी हाथ होगा। भारत में निशानेबाजी के ज्यादा लोकप्रिय न होने के बावजूद विज्ञापन एजंसियां, प्रायोजक और सेलेब्रिटी मैनिजमंट एजंसियां अभिनव की कामयाबी का फायदा उठाने की तैयारी में जुट गई हैं। उन्हें युवाओं पर केन्द्रित ब्रैंड के लिए ही नहीं बल्कि परिपक्वता की मांग करने वाले बीमा और बैंक जैसे क्षेत्रों के लिए भी उपयोगी समझा जा रहा है।
मैक्केन एरिक्सन के नैशनल क्रिएटिव डाइरेक्टर (एनसीडी) और कार्यकारी चेयरमैन प्रसून जोशी ने ईटी से कहा, 'मैं अपने ग्राहकों से बिंद्रा की सिफारिश यकीनी तौर पर करूंगा। उन्होंने रेअर कामयाबी हासिल की है। वह भारत की सफलता गाथा के शिखर पुरूष बन गए हैं। क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भारतीयों के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद न के बराबर होती है। इस लिहाज से यह जीत कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।'
मैक्केन एरिक्सन के ग्राहकों में कोका-कोला, शेवरले और परफेट्टी जैसी कंपनियां हैं। बिंद्रा अब ब्रैंड से कहीं ऊंची हस्ती बन गए हैं। मिल्खा सिंह और पी. टी. उषा के सेकेंड से भी कम अंतर से ओलंपिक कांस्य पदकों से चूकने के किस्से सुन कर बड़ी हुई पीढ़ी के लिए अभिनव नए हीरो हैं। 1980 मॉस्को ओलंपिक में हॉकी में मिले स्वर्ण पदक के बाद भारत को उन्होंने पहला गोल्ड मेडल दिलाया है।
बिंद्रा की जीत से उम्मीद जगी है कि तीरंदाजी, मुक्केबाजी और निशानेबाजी जैसे अपेक्षाकृत कम चकाचौंध वाले खेलों की ओर लोगों, खास तौर से बड़े कॉर्परट घरानों, का ध्यान जाएगा। परसेप्ट होल्डिंग्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक शैलेन्द्र सिंह के अनुसार तीरंदाजी जैसे खेलों को अब खेल मंत्रालय और उद्योग जगत से अच्छी मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा, 'बिंद्रा की जीत से निश्चित तौर पर भारत में अन्य खेलों में क्रांति की शुरुआत होनी है। अगर हम भारत में क्रिकेट को धर्म बना सकते हैं तो हममें अन्य खेलों के विकास के लिए बड़े कारोबारी घरानों को जोड़ने की क्षमता भी है।' अब हर राह अभिनव की ओर मुड़ती नजर आ रही है। सेलेब्रिटी मैनिजमंट फर्म कॉलेज स्पोर्ट्स मैनिजमंट की निदेशक लतिका खनेजा ने कहा कि वह अभिनव के साथ अपना करार आगे बढ़ाने को इच्छुक हैं। कॉलेज ने 2003-06 तक अभिनव का कामकाज संभाला, लेकिन उस दौरान सहारा समूह से जुड़ाव के अलावा कोई अन्य एंडोर्समंट नहीं हो सका।
लतिका ने कहा कि अभिनव ब्रैंड वैल्यू देश के जानेमाने क्रिकेटरों और बॉलिवुड सितारों के बराबर हो सकती है। परसेप्ट टैलंट मैनिजमंट (पीटीएम) की सीओओ विनीता बंगार्ड ने कहा, 'हम भी उनसे (अभिनव) निश्चित तौर पर संपर्क करेंगे।' हीरो होंडा के प्रवक्ता ने कहा, 'देश के लिए यह गौरव का महान क्षण है। कई सफल खिलाड़ी हमारे ब्रैंड एम्बेसेडर हैं और सफलता हासिल करने वालों पर हमारी हमेशा ही नजर होती है।'
हालांकि, यह राय भी सामने आई है कि लंबे समय के विज्ञापन खेल के लिए अभिनव में छिपी संभावनाएं तराशनी होंगी। रिले वर्ल्डवाइड के जीएम महेश रांका ने कहा, 'अब तमाम ब्रैंड उनमें काफी रुचि दिखाएंगे। लेकिन अगर खेल के रूप में निशानेबाजी का उभार नहीं होता है, तो उनमें (अभिनव) दिलचस्पी घट सकती है।'
नई दिल्लीः इससे पहले उन्होंने इंटरनैशनल स्टेज पर कई निशाने साधे थे, लेकिन पेइचिंग में सोमवार को जो सुनहरा निशाना अभिनव बिंद्रा ने लगाया है, उससे हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा उठ गया है। भारत की शान बन चुके अभिनव अब मल्टीनैशनल कंपनियों के 'निशाने' पर हैं। कार्परट वर्ल्ड उनकी लोकप्रियता को भुनाने की तैयारी में जुट गया है। अभिनव ने 10 मीटर एयर रायफल स्पर्द्धा का गोल्ड मेडल अपने नाम किया। गौरतलब है कि करीब 80 साल पुराने भारतीय ओलिंपिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी ने व्यक्तिगत स्पर्धा में सोना जीता हो।
उम्मीद है कि इस उपलब्धि से उनकी ब्रैंड वैल्यू दो करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। इसमें उनकी हैरतअंगेज सफलता के साथ युवा व्यक्तित्व का भी हाथ होगा। भारत में निशानेबाजी के ज्यादा लोकप्रिय न होने के बावजूद विज्ञापन एजंसियां, प्रायोजक और सेलेब्रिटी मैनिजमंट एजंसियां अभिनव की कामयाबी का फायदा उठाने की तैयारी में जुट गई हैं। उन्हें युवाओं पर केन्द्रित ब्रैंड के लिए ही नहीं बल्कि परिपक्वता की मांग करने वाले बीमा और बैंक जैसे क्षेत्रों के लिए भी उपयोगी समझा जा रहा है।
मैक्केन एरिक्सन के नैशनल क्रिएटिव डाइरेक्टर (एनसीडी) और कार्यकारी चेयरमैन प्रसून जोशी ने ईटी से कहा, 'मैं अपने ग्राहकों से बिंद्रा की सिफारिश यकीनी तौर पर करूंगा। उन्होंने रेअर कामयाबी हासिल की है। वह भारत की सफलता गाथा के शिखर पुरूष बन गए हैं। क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भारतीयों के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद न के बराबर होती है। इस लिहाज से यह जीत कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।'
मैक्केन एरिक्सन के ग्राहकों में कोका-कोला, शेवरले और परफेट्टी जैसी कंपनियां हैं। बिंद्रा अब ब्रैंड से कहीं ऊंची हस्ती बन गए हैं। मिल्खा सिंह और पी. टी. उषा के सेकेंड से भी कम अंतर से ओलंपिक कांस्य पदकों से चूकने के किस्से सुन कर बड़ी हुई पीढ़ी के लिए अभिनव नए हीरो हैं। 1980 मॉस्को ओलंपिक में हॉकी में मिले स्वर्ण पदक के बाद भारत को उन्होंने पहला गोल्ड मेडल दिलाया है।
बिंद्रा की जीत से उम्मीद जगी है कि तीरंदाजी, मुक्केबाजी और निशानेबाजी जैसे अपेक्षाकृत कम चकाचौंध वाले खेलों की ओर लोगों, खास तौर से बड़े कॉर्परट घरानों, का ध्यान जाएगा। परसेप्ट होल्डिंग्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक शैलेन्द्र सिंह के अनुसार तीरंदाजी जैसे खेलों को अब खेल मंत्रालय और उद्योग जगत से अच्छी मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा, 'बिंद्रा की जीत से निश्चित तौर पर भारत में अन्य खेलों में क्रांति की शुरुआत होनी है। अगर हम भारत में क्रिकेट को धर्म बना सकते हैं तो हममें अन्य खेलों के विकास के लिए बड़े कारोबारी घरानों को जोड़ने की क्षमता भी है।' अब हर राह अभिनव की ओर मुड़ती नजर आ रही है। सेलेब्रिटी मैनिजमंट फर्म कॉलेज स्पोर्ट्स मैनिजमंट की निदेशक लतिका खनेजा ने कहा कि वह अभिनव के साथ अपना करार आगे बढ़ाने को इच्छुक हैं। कॉलेज ने 2003-06 तक अभिनव का कामकाज संभाला, लेकिन उस दौरान सहारा समूह से जुड़ाव के अलावा कोई अन्य एंडोर्समंट नहीं हो सका।
लतिका ने कहा कि अभिनव ब्रैंड वैल्यू देश के जानेमाने क्रिकेटरों और बॉलिवुड सितारों के बराबर हो सकती है। परसेप्ट टैलंट मैनिजमंट (पीटीएम) की सीओओ विनीता बंगार्ड ने कहा, 'हम भी उनसे (अभिनव) निश्चित तौर पर संपर्क करेंगे।' हीरो होंडा के प्रवक्ता ने कहा, 'देश के लिए यह गौरव का महान क्षण है। कई सफल खिलाड़ी हमारे ब्रैंड एम्बेसेडर हैं और सफलता हासिल करने वालों पर हमारी हमेशा ही नजर होती है।'
हालांकि, यह राय भी सामने आई है कि लंबे समय के विज्ञापन खेल के लिए अभिनव में छिपी संभावनाएं तराशनी होंगी। रिले वर्ल्डवाइड के जीएम महेश रांका ने कहा, 'अब तमाम ब्रैंड उनमें काफी रुचि दिखाएंगे। लेकिन अगर खेल के रूप में निशानेबाजी का उभार नहीं होता है, तो उनमें (अभिनव) दिलचस्पी घट सकती है।'
No comments:
Post a Comment