गुड़गांव : पुलिस ने लग्ज़री गाडि़यां लूटने एवं चोरी करने वाले एक ऐसे इंटर स्टेट गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसका नेटवर्क दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा और राजस्थान में फैला है। पुलिस की गिरफ्त में आए इस गैंग के तीन लुटेरों की निशानदेही पर पुलिस ने 18 लग्ज़री गाडि़यां बरामद की हैं।
गिरोह के सदस्य राजस्थान के अलवर व भरतपुर जिले की वीइकल रजिस्ट्रेशन ऑथॉरिटी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर गाडि़यों की फर्जी आरसी बनवाते और फिर उन्हें लगे हाथ दूसरे जिलों में बेच दिया करते थे। गिरोह का सरगना नंदकिशोर उर्फ नरेंद्र अभी फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। सीआईए सेकंड स्टाफ ऑफिस में आयोजित प्रेस कॉन्फ़रन्स में डीसीपी क्राइम सत्येंद गुप्ता ने कहा कि 21 अगस्त को सोहना थाना पुलिस ने चोरी की इनोवा के साथ अलवर जिले के थाना गाजी इलाके के श्योदान, धर्म सिंह और विमल कुमार को गिरफ्तार किया था। सीआईए स्टाफ ने इन तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, तो पता चला कि इनका इंटर स्टेट गैंग है। पूछताछ में इन लोगों ने वाहन लूट व चोरी की 18 वारदातें कबूली। इनके बताए गए ठिकानों से पुलिस ने 11 बुलेरो, दो टाटा सफारी, एक ह्युंदै एसेंट, एक स्कॉर्पियो, एक सैंट्रो, एक इंडिका व एक इनोवा सहित 18 लग्ज़री वीइकल बरामद किए हैं। इन वीइकलों में से सात गुड़गांव, तीन दिल्ली, एक आगरा व एक जयपुर से चोरी या लूटे गए थे।
ये तमाम गाडि़यां पुलिस ने हिसार, सिरसा, तोशाम (भिवानी) से बरामद की, जहां इन लोगों ने नंबर व आरसी बदलकर लोगों को बेची थी। डीसीपी गुप्ता ने कहा कि भरतपुर व अलवर से जारी किए गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकट की भी जांच की जाएगी, क्योंकि इस फर्जी काम में वीइकल रजिस्ट्रेशन ऑथॉरिटी के कर्मियों की मिलीभगत की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। डीसीपी क्राइम ने बताया कि इस गिरोह का वारदात को अंजाम देने का तरीका आम था। ये लोग वीइकल को मौका पाकर पल भर में लेकर फरार हो जाते थे। इस गैंग के सरगना के भाई का भी अपराध से गहरा नाता बताया गया है। नीटू गहलोत मर्डर केस में भी उसके हाथ होने की संभावना है लेकिन अभी पुलिस उस बारे में जांच कर रही है।
सरपंच रह चुका है गैंग लीडर
इस इंटर स्टेट गैंग का लीडर नंदकिशोर उर्फ नरेंद्र अलवर के गांव भगत का बास का रहने वाला है। खास बात यह है कि करीब एक साल से सक्रिय गैंग का लीडर अपने गांव का सरपंच भी रह चुका है। नंदकिशोर अलवर में ही एक राजस्थान पुलिस के एक कर्मी के मकान में किराए पर रह रहा था। अपने साथियों के अरेस्ट की खबर पाने के बाद वह वहां से भी फरार हो गया।
डिमांड और महंगे शौक ने बनाया लुटेरा
गाजियाबाद : लिफ्ट का झांसा देकर यात्रियों को लूटने वाले चार बदमाशों को लिंक रोड पुलिस ने अरेस्ट किया है। उनके पास से पुलिस ने लूटे गए मोबाइल फोन, सोने की चेन और दो कारें बरामद की हैं। पकड़े गए चारों बदमाश स्टूडेंट हैं और अपने महंगे शौक और गर्ल फ्रेंड्स की डिमांड को पूरा करने के लिए अपराध का रास्ता चुन लिया था।
एसएसपी दीपक रतन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 23 अगस्त को एमिटी में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट अमन जौली ने लिंक रोड पुलिस से शिकायत की कि एक लाल रंग की स्विफ्ट कार में सवार चार युवकों ने मेरठ तक लिफ्ट देने के बहाने हथियारों के बल पर उससे दो मोबाइल फोन और 500 रुपये लूट लिए। इसके अतिरिक्त कई और स्थानों पर भी लूटपाट की वारदात की सूचना पुलिस को मिल चुकी थी। इसके आधार पर लिंक रोड पुलिस को जांच के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान मोदीनगर में रहने वाले अजय शर्मा ने पुलिस को बताया कि 3 अगस्त को लाल रंग की स्विफ्ट कार में सवार युवकों ने लिफ्ट देने के बहाने उससे मोबाइल फोन, सोने की चेन और 30 हजार रुपये की नकदी लूटने वाले एक व्यक्ति का उसे फोन नंबर मिल गया है। लुटेरे उसे पुलिस से शिकायत न करने के एवज में लूटा गया माल लौटाने के लिए तैयार है। इस आधार पर पुलिस ने प्लानिंग के तहत अजय से कहकर उन चारों बदमाशों को बीईएल चौराहे के निकट बुला लिया। जैसे ही ये बदमाश स्विफ्ट और एसेंट कार में आए, वैसे ही पुलिस ने घेरा डालकर उन्हें दबोच लिया। चारों युवक इंटर पास आउट स्टूडेंट हैं। इनमें नरवीर यादव का पिता कल्याणपुरी थाने में हेडकॉन्स्टेबल है। उसने बताया कि अपराध की लाइन में आने से पहले गौरव वर्मा प्रॉपर्टी का कारोबार, नासिर एलआईसी और फरीद फर्नीचर का कारोबार करता था। लेकिन शाही खर्च और गर्ल फ्रेंड्स की डिमांड को पूरा करने के लिए उन्होंने अपराध का रास्ता चुन लिया। चूंकि गौरव के पास अपनी स्विफ्ट कार थी और एक एसेंट उन्होंने वसंत विहार दिल्ली से चुराई थी, इसीलिए उन्होंने देर शाम को बस अड्डे के निकट सवारी का इंतजार करने वाले यात्रियों को लिफ्ट दे लूटने की वारदात करना शुरू कर दिया। पकड़े गए बदमाशों ने दिल्ली और गाजियाबाद में कई आपराधिक वारदात में अपना हाथ होना स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस को अभी इन चारों बदमाशों के दूसरे साथियों के बारे में भी पता लगा है।
नाबालिग को पेड़ से बांधकर किया गैंग रेप
वड़ोदरा: गुजरात के नर्मदा जिले के मोती भामरी गांव के पास एक 17 साल की लड़की को पेड़ से बांधकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। पीड़ित लड़की के पिता द्वारा दर्ज शिकायत में कहा गया है कि एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर सहित पांच लोगों ने 21 अगस्त को लड़की का अपहरण किया और पास के जंगल में उसके साथ रेप किया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों में से एक ने किडनैपिंग से पहले पीड़िता के साथ शादी करने का वादा किया था। रेप करने के बाद आरोपी लड़की को गांव के बाहर छोड़ गए। पुलिस ने बताया कि एक सिटी हॉस्पिटल में पीड़िता का इलाज किया जा रहा है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
'हमारे पैरंट्स ही हमें मार डालेंगे'
गाजियाबाद: इंस्टिट्यूट में पढ़ाई के दौरान लव और फिर मैरिज करने वाले युवक-युवती ने आरोप लगया है कि युवती के मां-बाप उनके बाधा बन रहे हैं। शादी के तीन महीने बाद सोमवार को नवदंपती एसपी सिटी से मिलने उनके ऑफिस पहुंचे और बोले - 'हमारी जान मां-बाप से बचाओ, वह हमें मार डालेंगे।' कपल ने अपनी मैरिज सर्टिफिकेट भी उन्हें दिखाया। एसपी सिटी ने उन्हें कानून के अनुसार हेल्प करने का आश्वासन दिया।
राजनगर में रहने वाले अनुज (काल्पिनक नाम) और निशा (काल्पिनक नाम) सिटी के एक इंस्टिट्यूट में साथ-साथ पढ़ते थे। इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा। इस बीच युवती के पिता का लखनऊ में ट्रांसफर हो गया और युवती की फैमिली लखनऊ चली गई। इसके बाद भी अनुज अक्सर लखनऊ निशा से मिलने पहुंच जाता था। इस तरहे वे चोरी-छिपे मिलते रहते थे। बताया गया है कि कई साल तक मोहब्बत परवान चढ़ने के बाद आखिरकार तीन महीने पूर्व निशा अपने घर लखनऊ से गाजियाबाद आ गई और उसने अनुज से विवाह रचा लिया। उनके विवाह की जानकारी अनुज की फैमिली को थी, परंतु निशा के घर पर किसी को भनक तक नहीं लगी। विवाह के बाद दोनों एक माह तक इधर-उधर घूमते रहे। इधर निशा के घर से गायब होने के बाद जब उसके पिता को पता लगा कि निशा ने विवाह कर लिया है तो वह अनुज की जान के दुश्मन गए। सोमवार को एसपी सिटी ऑफिस में पहुंचे अनुज और निशा ने बताया कि वह पिछले तीन माह से डर कर इधर-उधर भाग रहे हैं। उन्होंने विवाह के बाद कोर्ट मैरिज का सर्टिफिकेट भी एसपी को दिखाया। उन्होंने बताया कि निशा के मां-बाप उन्हें मार डालेंगे हमारी जान बचाओ। एसपी ने उन्होंने हेल्प का आश्वासन दिया। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।
आशियां बनाने के लिए लोन लिया, पहुंचे जेल
नोएडा: ' हेलो, आपके लिए होम लोन का एक बढि़या ऑफर है। बहुत ही आसान तरीके से आपको लोन मिल जाएगा। इसके लिए आपको बस कुछ ही कागजात देने होंगे। ....' अगर इस तरह आपको कॉल कर कोई होम लोन दिलाने या फिर किसी भी तरह का लोन दिलाने की बात कर रहा हो, तो आप सावधान हो जाएं। हो सकता है कि कोई जालसाज किसी बैंक से लोन दिलाने के नाम पर आपको अपने जाल में फंसा रहा हो।
नोएडा के चौड़ा गांव में रहने वाले मिल्क मैन रणजीत सिंह को जालसाजों ने इसी तरहअपने जाल में फंसा लिया और उनकी कीमती जमीन के रजिस्ट्री कागजात समेत, एक ब्लैंक चेक और अन्य कई महत्वपूर्ण कागज लेने के बाद एक बैंक का फर्जी चेक पकड़ा दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि जालसाजों ने लोन के नाम पर उन्हें पंजाब नैशनल बैंक के नकली चेक का इस्तेमाल कर 37.54 लाख रुपये का चेक दे दिया। जब वह चेक लेकर बैंक पहुंचे, तो बैंक अधिकारियों ने नकली चेक देखते ही पुलिस को सूचना दे दी और उनके खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। अब पुलिस मिल्क मैन को हिरासत में लेकर पूछताछ के आधार पर धोखाधड़ी करने वालों के बारे में पता लगा रही है।
मिल्क मैन रणजीत सिंह अब यह सोचकर परेशान हैं कि कहीं जालसाज उनकी जमीन की रजिस्ट्री के कागजात का दुरुपयोग न करें। रजिस्ट्री कागज के अलावा बदमाशों ने बिजली बिल, फोन बिल समेत उनकी फोटो और एक बैंक का ब्लैंक चेक भी लिया है। इससे उन्हें इस बात की आशंका है कि कागजों का दुरुपयोग कर जालसाज उन्हें किसी बड़ी मुसीबत में न फंसा दे। रणजीत ने बताया कि करीब 14 दिन पहले संतोष श्रीवास्तव नामक युवक ने फोन कर होम लोन दिलवाने की बात कही थी। घर बनवाने और दो बड़ी बेटियों की शादी करने का सपना लिए रणजीत सिंह ने लोन लेने के लिए तुरंत हामी भर दी। अगले ही दिन वह युवक अपने एक और साथी को लेकर घर पहुंचा और सभी डॉक्युमेंट चेक किए। उन्होंने बताया कि सभी कागजात लेने के बाद 23 अगस्त को दोनों जालसाजों ने 37.54 लाख रुपये का चेक दे दिया। उस चेक को लेकर सोमवार को जब वह सेक्टर-27 स्थित बैंक पहुंचे, तो बैंक अधिकारियों ने चेक को फर्जी करार दिया। यही नहीं, बैंक अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को सूचना दे दी और रणजीत को उनके हवाले कर दिया। बैंक अधिकारी ए. के. शर्मा ने बताया कि ओरिजिनल चेक की डुप्लिकेट कॉपी का यूज़ किया गया है। अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर अनिल समानिया ने बताया कि अब तक की जांच में यह सामने आया है कि रणजीत सिंह जालसाजों का शिकार बने हैं। उन्होंने बताया कि दोनों जालसाजों के बारे में पता लगाने के लिए एक पुलिस टीम जुटी हुई है।
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