पुणे : भारत में लग्जरी बस सेगमेंट में वोल्वो को टक्कर देने के लिए मर्सिडीज बेंज अपनी बस उतारने जा रही है। इस बस की बॉडी जालंधर की सतलुज मोटर्स ने तैयार की है और इसे एक सितंबर को पुणे में लॉन्च किया जाएगा।
कंपनी इस बस के बारे में जानकारी देने से बच रही है। बस की चेसिस यूरोप से आयात की गई किटों को असेम्बल मर्सिडीज बेंज के पुणे के निकट चिकाली स्थित संयंत्र में तैयार की गई है।
मर्सिडीज की इस बस का मुकाबला वोल्वो की बस से होगा। ऐसी उम्मीद है कि मर्सिडीज अपनी बस की कीमत वोल्वो की बस के दाम के निकट ही रखेगी। वोल्वो की इंटर सिटी बसों की कीमत 75-80 लाख रुपए की रेंज में है।
ऐसा अनुमान है कि मर्सिडीज पहली कुछ बसों को प्रायोगिक आधार पर चुनिंदा ऑपरेटरों को सौंपेगी। इसे देखते हुए ऑटोमोटिव उद्योग के जानकारों ने इस बात की संभावना जताई है कि बस का दाम कुछ महंगा हो सकता है। इस बारे में संपर्क करने पर कंपनी के अधिकारियों ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि सभी जानकारियां एक सितंबर को दी जाएंगी। जानकारों का कहना है, 'मर्सिडीज बेंज एक्ट्रॉस ट्रक की तरह ही अपनी बसों को भी चुनिंदा खरीदारों के लिए पेश कर सकती है। इसके अलावा बस का दाम इसकी विशेषताओं, ग्राहक की जरूरत के अनुसार किए गए बदलाव और इंजन के प्रकार पर निर्भर करेगा।' मर्सिडीज बेंज के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बस की बॉडी सतलुज मोटर्स अपने जालंधर के संयंत्र में बनाएगी। दूसरी ओर उद्योग के सूत्रों के अनुसार ऐसा हो सकता है कि बॉडी बिल्डर चाकन में कंपनी की ग्रीनफील्ड परियोजना में भी अपना संयंत्र लगा सकता है। मर्सिडीज बेंज कारों, ट्रक और बस की चेसिस की असेम्बली के लिए चाकन में 100 एकड़ के क्षेत्र में 5 करोड़ यूरो की लागत से एक परियोजना तैयार कर रही है। बसों के लिए कंपनी ने डीलर नेटवर्क तैयार कर लिया है। मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक विल्फ्रेड अल्बर ने हाल ही में कहा था कि वह सेल्स और सेवा नेटवर्क स्थापित करने के बाद ही बस को लॉन्च करेंगे। भारतीय बस बाजार में पिछले वित्त वर्ष में बिक्री 34 फीसदी बढ़कर 33,085 बसों की रही। इस बाजार के बड़े खिलाड़ियों में अशोक लेलैंड और टाटा मोटर्स शामिल हैं। लग्जरी बस सेगमेंट बाजार इस समय काफी छोटा है और इस पर वोल्वो बस इंडिया का कब्जा है। वोल्वो की 12 मीटर लंबी और 44 सीटों वाली बस काफी लोकप्रिय है। इस सेगमेंट को अभी केवल वोल्वो के नाम से जाना जाता है और मर्सिडीज बेंज के सामने इसे बदलने की बड़ी चुनौती होगी।
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