Thursday, August 21, 2008
अरब सागर में आ रहा है रोनाल्ड
भारत के लड़ाकू विमान सुखोई अभी अमेरिका में रेड फ्लैग युद्धाभ्यास से लौटे नहीं हैं, पर अक्टूबर में अमेरिकी नौसेना के साथ अरब सागर में संयुक्त युद्धाभ्यास की तैयारी शुरू हो गई है। वामपंथियों ने पिछले साल जिस यूएसएस निमित्ज विमानवाहक युद्धपोत के भारतीय तटों के पास आने को लेकर शोर मचाया था, उसी श्रेणी का नया विशालकाय विमानवाहक युद्धपोत रोनाल्ड रीगन परमाणु शक्ति चालित पनडुब्बी स्प्रिंगफील्ड के साथ अरब सागर में युद्धाभ्यास करने आएगा।दस दिन तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना का पश्चिमी बेड़ा बड़े पैमाने पर भाग लेने जा रहा है। पाकिस्तान की नाक के नीचे लगातार अमेरिकी नौसेना के साथ यह युद्धाभ्यास अन्य देशों को 'संदेश' देने में सक्षम है। विमानवाहक युद्धपोत रोनाल्ड रीगन जापान से चल पड़ा है और कई देशों से होता हुआ अक्टूबर में अरब सागर पहुंचेगा।नौसेना में विदेश संपर्क मामलों का प्रभार संभाल रहे सहायक नौसेना प्रमुख रियर एडमिरल प्रदीप चौहान ने बताया कि 15 से 24 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभ्यास में 96 एफ-18 सुपर हार्नेट लड़ाकू विमानों से लैस यूएसएस रोनाल्ड रीगन के अलावा उनकी परमाणु पनडुब्बी यूएसएस स्प्रिंगफील्ड भी आ रही है जो परमाणु ईधन से संचालित है। हालांकि इन पर बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात नहीं हैं। यूएसएस रोनाल्ड रीगन इतना बड़ा विमानवाहक युद्धपोत है कि इस पर 100 विमान आ सकते हैं, जबकि आईएनएस विराट की क्षमता इसकी एक तिहाई के करीब ही है। एफ-18 सुपर हार्नेट भारत के 126 लड़ाकू विमान सौदे के लिए प्रमुख दावेदार है। जाहिर है कि ऐसे में भारत के लिए इन लड़ाकू विमानों का दम-खम जांचने का पूरा मौका होगा।एडमिरल चौहान के अनुसार विध्वंसक जंगी पोत यूएसएस ग्रिडले, गाइडेड मिसाइल पोत थैच और जंगी जहाज डेकाटर के अलावा एक अतिरिक्त पोत यूएसएनएस ब्रिज भी शामिल है, जिसकी कमान अमेरिका के असैनिक कर्मियों के हाथ में होती है। अमेरिका के विमानवाहक युद्धपोत के आने के बावजूद भारत का एक मात्र विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विराट उपलब्ध नहीं होगा। असल में एडमिरल गोर्शकोव विमानवाहक युद्धपोत के जल्द आने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं, इसलिए इसे री-फिट किया जा रहा है। बहरहाल राजपूत क्लास के युद्धपोत राणा या रंजीत में से एक कोई एक, आईएनएस तलवार, आईएनएस गोदावरी, आईएनएस ब्रह्मापुत्र, आईएनएस बेतवार और टैंकर पोत आईएनएस आदित्य शामिल होंगे।अमेरिकी नौसेना पी3सी ओरायन टोही विमानों का इस्तेमाल करेगी। ध्यान रहे कि भारतीय नौसेना अमेरिका से पी8आई टोही विमानों के लिए सौदा करने जा रही है। आईएनएस विराट के न होने की वजह से भारतीय नौसेना के सी-हैरियर लड़ाकू विमान तट से ही उड़ान भरेंगे, जबकि सी-किंग, कामोव और चेतक हेलीकाप्टर भी मालाबार में शामिल होने जा रहे हैं।भारतीय नौसेना की तरफ से शिशुमार पनडुब्बी को उतारा जा रहा है। हालांकि अमेरिकी नौसेना भारत की क्लब श्रेणी की रूसी पनडुब्बियों की ताकत का अंदाजा लगाना चाहती है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment