rashtrya ujala

Sunday, August 31, 2008

तीन महीने तक गूंजेगी राज्य में बसपा की हुंकार

लखनऊ। केंद्र सरकार के खिलाफ अगले तीन माह तक राज्य में बसपा की हुंकार गूंजेगी। इस क्रम में राज्य के एक या दो जिले में हर दिन पार्टी के बड़े नेता देशव्यापी जनहित चेतना आंदोलन के तहत प्रदर्शन में केन्द्र सरकार की असफलताओं का ब्यौरा जनता के बीच रखेंगे। बढ़ती महंगाई के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहरायेंगे और बसपा प्रमुख के खिलाफ सीबीआई का दुरुपयोग किये जाने के तथ्य जनता के बीच रखते हुए उन्हें दिल्ली की गद्दी पर बिठाने का संकल्प फिर दोहराया जायेगा।बस्ती सहित राज्य के कई जिलों में यह नजारा एक सितम्बर को देखने को मिलेगा। इस दौरान बसपा के नेता और कार्यकर्ता पार्टी के अनुशासन को पूरा ख्याल रखेंगे। पार्टी के नौ अगस्त को यहां हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में बसपा प्रमुख मायावती ने दल के देशव्यापी जनहित आंदोलन की यही रूपरेखा तैयार की थी। जिसके तहत राज्य में एक सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच सभी जिला मुख्यालयों पर बड़ा प्रदर्शन कर पार्टी नेताओं को केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को बेनकाब करना था। इस कार्यक्रम में हर विधानसभा क्षेत्र से आठ से दस हजार लोगों को लाने का लक्ष्य कार्यकर्ताओं को दिया गया। जबकि जोनल कोडिनेटर को ऐसे कार्यक्रमों की अध्यक्षता करने का जिम्मा मिला है। पूरे सितम्बर माह तक राज्य भर में हर दिन किसी न किसी जिले में ऐसे कार्यक्रम होंगे। जिनकी तिथि पार्टी की राज्य इकाई के नेताओं ने तय कर जिले के नेताओं को बता दी है। कहा जा रहा है, इसके तहत लखनऊ में 27 सितम्बर को प्रदर्शन की तिथि तय हुई है।जिला में प्रदर्शन के बाद हर विधानसभा मुख्यालय और फिर राज्य मुख्यालयों पर इसी तर्ज पर नवम्बर तक प्रदर्शन होंगे। बसपा के नेताओं के अनुसार अगले तीन माह तक केन्द्र सरकार के खिलाफ माहौल गरम किया जाता रहेगा। पार्टी के कार्यक्रम में कहीं कोई कमी न रहे इसके लिए हर पार्टी पदाधिकारी को इस आंदोलन को संचालित करने के ब्यौरे वाली पुस्तिका भी दी गयी है जिसमें महंगाई के मुददे पर केन्द्र सरकार की खामियों का उल्लेख किया गया है। साथ ही पुस्तक में तीन महीने के कार्यक्रमों का ब्यौरा भी है। इसमें राज्य सरकार के किन-किन प्रस्तावों पर केन्द्र सरकार ने धन व अन्य मदद देने में कोताही की इस बारे में भी लिखा गया है, जिसके मुताबिक ही पार्टी के नेताओं को केन्द्र सरकार पर हमला करने को कहा गया है। इसके अलावा जनता के बीच में बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ सीबीआई का दुरुपयोग करके उन्हें फंसाने की केन्द्रीय नेताओं की मंशा के बारे में जनता को बताया जायेगा। पार्टी के इस आन्दोलन के दौरान को सफल बनाने के लिए दिये गये निर्देशों का ठीक से पालन हुआ या नहीं? इस पर भी नजर रखने का इन्तजाम किया गया है जिसके चलते पार्टी के हर प्रदर्शन की वीडियोग्राफी कराने को कहा गया है। इससे यह पता लगाया जायेगा कि किस जिसे में सबसे अधिक भीड़ एकत्र करने में पार्टी नेता सफल रहे।

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