उड़ीसा. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती व उनके चार अनुयायियों की हत्या के बाद सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसते उड़ीसा के कंधमाल जिले में प्रशासन ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं।इस बीच, राज्य भाजपा ने जहां केंद्रीय नेतृत्व को नवीन पटनायक सरकार से समर्थन वापस लेने की सलाह दी है, वहीं कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग रखी है।उड़ीसा में हालात बेकाबू होते देख केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल स्थिति की समीक्षा के लिए बुधवार को कंधमाल पहुंचे। जायसवाल ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार राज्य में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने के लिए भी तैयार है।
कर्फ़्यू का उल्लंघन :राजस्व विभाग के डिवीजनल कमिश्नर (दक्षिणी डिवीजन) सत्यव्रत साहू ने फोन पर बताया, ‘बालीगुडा और उदयगिरि में कई स्थानों पर लाठियों व देशी हथियारों से लैस भीड़ ने कफ्यरू तोड़कर हिंसा और लूटपाट की कोशिश की। इसे देखते हुए प्रशासन ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं।’
दो घायल :साहू ने बताया कि बुधवार को रैकिया इलाके में भीड़ ने हमला कर दो व्यक्तियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। भीड़ ने राज्य के पूर्व डीजीपी के मकान पर भी हमला किया। रैकिया के कई परिवारों ने जंगलों में शरण ले रखी है।
गठबंधन में दरार :लैकेरा से भाजपा विधायक वृंदावन मांझी ने कहा कि उन्होंने सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है। राज्य में भाजपा के तीन मंत्री और चार विधायक राज्य सरकार से समर्थन वापसी की मांग पर केंद्र के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
विपक्ष का आरोप :कंधमाल में जारी हिंसा का प्रभाव राज्य विधानसभा की कार्रवाई पर भी पड़ा है। इस मामले पर बुधवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप था कि बीजद और भाजपा गठबंधन की सरकार राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम रही है। कांग्रेस ने सरकार से इस्तीफे की मांग करते हुए राज्यपाल से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।‘यद्यपि कंधमाल में तनाव व्याप्त है। फिर भी कुछ इलाकों में हालत धीरे-धीरे सुधर रही है। सुरक्षाकर्मी दुर्गम इलाकों में भी पहुंच गए हैं और तनाव कम करने का प्रयास कर रहे हैं।’ - आरपी कोचे, डीआईजी
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