नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने अगले लोकसभा चुनावों के टाइम-टेबल का संकेत देते हुए संसद का मानसून सत्र 17 अक्टूबर से बुलाए जाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि 21 नवंबर तक चलने वाले इस सत्र के बाद संसद का शीतकालीन सत्र शायद ही हो।संसदीय मामलों संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति की मंगलवार को हुई बैठक में संसद सत्र की अवधि को लेकर चर्चा के बाद सरकार ने यह फैसला किया। सरकार चुनाव का समय अगले वर्ष फरवरी-मार्च में मान रही है। इसी लिहाज से एक महीने से अधिक समय का यह सत्र रखा गया है। सरकार की कोशिश इसी सत्र में लेखानुदान लेने की होगी, लेकिन यदि ऐसा नहीं हो पाया तो दो-चार दिन का सत्र फिर बुलाया जा सकता है। गौरतलब है कि नई लोकसभा का गठन अगले वर्ष मई के दूसरे सप्ताह तक होना है। यूपीए के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक मार्च व अप्रैल में परीक्षाओं के चलते चुनाव कराना उचित नहीं होगा।चुनाव अभियान व चुनावों की अधिसूचना के लिए कम से कम दो माह का समय चाहिए। इस लिहाज से नवंबर अंत में या दिसंबर की शुरुआत में चुनावों की घोषणा की जा सकती है। मौजूदा सत्र का समय इसी सुविधा को ध्यान में रख तय किया गया है। संसद का यह सत्र हालांकि एक माह से अधिक चलेगा, लेकिन इस दौरान कामकाज के लिए बमुश्किल 15 दिन मिलेंगे। सरकार उम्मीद कर रही है कि तब तक परमाणु करार को हरी झंडी मिल चुकी होगी और अमरनाथ भूमि विवाद भी शांत हो चुका होगा।
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