रेखा की कुंडली में सप्तम स्थान पर शुक्र-मंगल की युति है। यह संयोग शादी-ब्याह के मामले अत्यंत नुकसानदेह सिद्ध होता है। साथ ही सप्तम स्थान का स्वामी सूर्य है जो आठवें स्थान में बैठा है। इस तरह के योग पति सुख से वंचित करते हैं।
इन योगों से बचाव के लिए गुरु की अच्छे स्थान में अच्छे ग्रहों के साथ उपस्थिति जरूरी है लेकिन रेखा की कुंडली में यह स्थिति भी सुखद नहीं है। उसका गुरु शत्रु स्थान में केतु के साथ है अत: भविष्य में भी वह इस सुख से वंचित ही रहेगी। लेकिन मंगल-शुक्र सातवीं दृष्टि से प्रथम यानी व्यक्तित्व स्थान को देखते हैं। यही वजह है कि उसका सौंदर्य आक्रामक और अत्यंत आकर्षक है।
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आगामी तीन वर्ष रेखा के लिए पुन: सौभाग्यशाली सिद्ध होंगे। पुरस्कारों के साथ लेखन से जुड़े किसी काम में विशेष सफलता हासिल होगी। कोई फिल्म अगर इस वर्ष प्रदर्शित हुई तो वह मीडिया में खासी चर्चित होगी लेकिन उसके सुपरहिट होने में संदेह रहेगा। रेखा के रहस्यात्मक सौंदर्य की लोकप्रियता बरकरार रहेगी, इसमें कोई संशय नहीं।
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